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Delhi News: सोशल मीडिया पर दिल्ली में संपत्ति कर माफ करने की चर्चा जोरों पर हैं। हालांकि दिल्ली नगर निगम की तरफ से इस बात को खारिज करते हुए लोगों से 31 मार्च 2025 तक संपत्ति कर भरने की अपील की गई है।

Delhi News: हाल ही में दिल्ली नगर निगम के मेयर की तरफ से संपत्ति कर माफ करने की बात कही गई। इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर चर्चा होने लगी कि संपत्ति कर में छूट मिलेगी। हालांकि निगम ने 28 फरवरी को आधिकारिक बयान जारी कर साफ कर दिया कि सभी संपत्ति मालिकों और निवासियों को मौजूदा कानूनों के तहत कर 31 मार्च 2025 तक संपत्ति कर का भुगतान करना आवश्यक है।

MCD ने दिल्ली के लोगों से अपील की है कि सोशल मीडिया पर फैल रही भ्रामक सूचनाओं को नजरअंदाज करें। संपत्ति कर निगम की कुल आय का लगभग चौथाई हिस्सा है और सभी लोगों को इसका भुगतान करना आवश्यक है। दिल्ली नगर निगम को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारियों के वेतन और ठेकेदारों के बकाए का भुगतान करने के लिए संपत्ति कर का इस्तेमाल किया जाता है।

पहले से ही निर्धारित है संपत्ति कर 

MCD ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए संपत्ति कर ढांचा फरवरी 2024 में ही तय कर लिया गया था। वहीं 2025-26 के लिए कर का ढांचा 13 फरवरी 2025 को निर्धारित की गई थी। इस दौरान 14000 करोड़ रुपए से ज्यादा की बकाया राशि है। इसके कारण MCD ने वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए संपत्ति कर के महत्व पर जोर दिया। वहीं 31 मार्च 2025 तक करदाताओं को संपत्ति कर भरने की सलाह दी गई है। इसके बाद संपत्ति कर भरने वालों पर दंड राशि लगेगी।

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MCD हाउस में कर छूट का गरमाया मुद्दा

बता दें कि मंगलवार को MCD हाउस बैठक में संपत्ति कर को लेकर आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों में बहस हुई। इस दौरान आप की तरफ से दो महत्वपूर्ण प्रस्ताव पेश किए गए। पहला प्रस्ताव- बड़े पैमाने पर संपत्ति कर को माफ करना और दूसरा प्रस्ताव ठेके पर काम कर रहे 12 हजार कर्मचारियों को स्थाई करना।

हंगामेदार रही MCD हाउस की बैठक

बैठक के बाद आम आदमी पार्टी के मेयर महेश कुमार खिंची ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि MCD हाउस में सभी अनुबंधित कर्मचारियों को नियमित करने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया है। बैठक में 70 से ज्यादा आप पार्षद मौजूद थे, जिससे कोरम पूरा था। वहीं भाजपा पार्षदों ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना ये प्रस्ताव पारित किए गए।

वहीं इन प्रस्तावों के पारित होने के बाद भाजपा नेता प्रतिपक्ष राजा इकबाल सिंह ने कहा कि प्रस्ताव पारित करने के लिए आधिकारिक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया और इस कारण मेयर का दावा निराधार है। इसके बाद राजा इकबाल ने MCD कमिश्नर अश्विनी कुमार को पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने बैठक की कार्यवाही को अवैध और अस्वीकृत घोषित करने की मांग की।

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