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Delhi Fraud Case: दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश कर दिया है, जो लोगों को एटीएम में ठगी करने के लिए निंजा टेक्निक का इस्तेमाल करते थे। चलिए बताते हैं क्या है पूरा मामला।

Delhi Fraud Case: क्राइम ब्रांच ने एटीएम कार्ड से धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुये तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।  उनकी गिरफ्तारी से दिल्ली और एनसीआर के आठ मामले सुलझाए गए हैं। पुलिस ने ठगों से 35 हजार रुपये कैश, एक कार, एक मोबाइल फोन व अन्य औजार व चीजें बरामद हुई है। डीसीपी भीष्म सिंह ने बताया कि एटीएम में धोखाधड़ी के मामले दिल्ली एनसीआर में लगातार सामने आ रहे थे। ऐसे में एंटी एक्सटॉर्शन एंड किडनैपिंग सेल (एईकेसी) की टीम को जांच में लगाया गया था। यह भी देखा गया था कि आरोपी ज्यादातर रात के समय लोगों को निशाना बनाते थे।

आरोपी ऐसे देते थे ठगी को अंजाम

हाल ही में गिरोह के बारे में क्राइम ब्रांच को सूचना मिली, जिसके बाद इंस्पेक्टर दिलीप कुमार के नेतृत्व में एसआई अशोक कुमार, विजय कुमार, एएसआई प्रवीण कुमार, सिपाही प्यार सिंह और सोनू की एक टीम बनाई गई। 21 अक्टूबर को एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए टीम ने शाम 4 बजे डीएनडी चौराहे के पास जाल बिछाया और तीन आरोपियों को दबोच लिया। तीनों कार में सवार थे और अगला टारगेट ढूंढ रहे थे। इनके नाम राहुल कुमार सिंह, गौरव कुमार और दीपक पटेल पता चले। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि वे एटीएम मशीन में कार्ड डालने वाली जगह के अंदर 'फेवीक्विक' लगाते थे।

पीड़ित को देता था झांसा

जब कोई एटीएम का उपयोग करने आता था, तो एटीएम कार्ड मशीन में चिपक जाता था। उनमें से एक एटीएम कार्ड का पिन नोट करने के लिए वहां खड़ा रहता था। इसके बाद पीड़ित को केवल उनके द्वारा दीवार पर लिखे ग्राहक सेवा नंबर पर कॉल करने की सलाह दी जाती थी। फोन नंबर पर अन्य आरोपी मौजूद रहते थे जो पीड़ित को एटीएम कार्ड मशीन में छोड़ने की सलाह देते थे। उन्हें बताया जाता था कि एटीएम कार्ड बैंक की शाखा में भेज दिया जाएगा। जब पीड़ित एटीएम छोड़ देता था, तो वे नकदी निकाल लेते थे और कार्ड फेंक देते थे।

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