Kailash Gehlot: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में बिजवासन विधानसभा सीट पर इस बार मुकाबला बेहद दिलचस्प होने जा रहा है। खास बात यह है कि आम आदमी पार्टी (AAP) को चुनौती देने के लिए दो पूर्व AAP नेता ही मैदान में उतर चुके हैं। भाजपा ने पूर्व AAP नेता और दिल्ली के पूर्व परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस से पूर्व AAP विधायक देविंदर सेहरावत चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी ने सुरेंद्र भारद्वाज को मैदान में उतारा है। ऐसे में यह चुनाव AAP बनाम AAP के पूर्व नेताओं के बीच होने जा रहा है।
बिजवासन विधानसभा सीट: कौन-कौन हैं उम्मीदवार?
इस बार बिजवासन सीट पर प्रमुख मुकाबला भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच है। उम्मीदवारों की सूची इस प्रकार है: AAP की तरफ से सुरेंद्र भारद्वाज, BJP की कमान संभाले कैलाश गहलोत, कांग्रेस के उम्मीदवार देविंदर सेहरावत और BSP ने कमल सिंह को मैदान में उतारा है।
AAP से BJP में आए कैलाश गहलोत
कैलाश गहलोत दिल्ली की नजफगढ़ विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के टिकट पर 2015 और 2020 में चुनाव जीत चुके हैं। वे दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री भी रहे। लेकिन नवंबर 2024 में उन्होंने AAP छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। भाजपा ने उन्हें नजफगढ़ की बजाय इस बार बिजवासन से उम्मीदवार बनाया है।
कांग्रेस प्रत्याशी देविंदर सेहरावत का सियासी सफर
देविंदर सेहरावत भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी हैं। वे 2011 में इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन से जुड़े और 2013 में AAP से बिजवासन सीट से विधायक बने। 2016 में AAP ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था। 2019 में वे भाजपा में शामिल हुए, लेकिन दिसंबर 2024 में कांग्रेस का दामन थाम लिया। अब वे कांग्रेस के टिकटपर चुनाव लड़ रहे हैं।
बिजवासन विधानसभा सीट का इतिहास
बिजवासन सीट साल 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी। तब से अब तक यहां पांच चुनाव हो चुके हैं: साल 2008 और 2013 में भाजपा के सत प्रकाश राणा ने जीत दर्ज की। 2015 में AAP के देविंदर सेहरावत ने इस सीट पर कब्जा किया। वहीं, 2020 में AAP के भूपिंदर सिंह जून ने सबसे कम अंतर (753 वोट) से जीत हासिल की। साल 2020 विधानसभा चुनाव के नतीजे कुछ ऐसे रहें, जिसमें AAP के भूपिंदर सिंह जून को 57,271 वोट मिले, BJP के सत प्रकाश राणा को 56,518 वोट और कांग्रेस तीसरे स्थान पर सीमट गई थी।
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दिल्ली़ 2025 चुनाव में कड़ा मुकाबला
AAP ने लगातार दो बार इस सीट पर जीत दर्ज की है, लेकिन इस बार मुकाबला कठिन है। भाजपा और कांग्रेस, दोनों ने AAP के पूर्व नेताओं को मैदान में उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। अब देखना होगा कि 5 फरवरी 2025 को बिजवासन की जनता किसे चुनती है।
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