Delhi Elections: दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर माहौल बना हुआ है। सभी प्रत्याशी चुनाव जीतने की रणनीति में लगे हुए हैं। निर्दलीय उम्मीदवार रामवीर शौकीन भी अपने कार्यालय में चुनावी तैयारियों में लगे थे। इसी बीच एक तेज रफ्तार कार उनके दफ्तर में जा घुसी। इसके बाद निर्दलीय उम्मीदवार रामवीर शौकीन के पैर में फ्रैक्चर हो गया। पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई और वारदात के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया। घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहे हैं।
दुर्घटना का वीडियो वायरल
वीडियो में देखा जा सकता है कि एक तेज रफ्तार कार तेजी से उनके दफ्तर में घुस रही है। इस दौरान कुछ लोग दफ्तर के गेट पर खड़े होते हैं। कार इन लोगों को कुचलती हुई आगे बढ़ती है। इसके बाद वहां कार्यकर्ताओं की भीड़ लग जाती है और कार्यकर्ता उन्हें उठाकर ले जाते हैं।
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उम्मीदवार रामवीर शौकीन ने विपक्ष पर लगाए आरोप
इस घटना के बाद उम्मीदवार रामवीर शौकीन ने कई आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों नें उन पर हमला कराया है। इससे पहले हाल ही में रामवीर शौकीन ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि उन्होंने अपना घोषणा पत्र जारी बनाया है और उनके इलाके की महिलाएं उन्हें सपोर्ट कर रही हैं। इस दौरान उन्होंने महिलाओं को कई तरह की सुविधाएं देने की भी बात कही थी। आपको जानकर हैरानी होगी कि रामवीर शौकीन गैंगस्टर नीरज बवाना के मामा हैं और वो मुंडका विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
Ramveer Shaukeen, who is contesting the Mundka assembly election as an independent candidate, was attacked.
— Siraj Noorani (@sirajnoorani) January 31, 2025
See how a speeding car directly entered Ramveer Shaukeen's house due to which he got seriously injured.#DelhiElection2025 #Delhi #DelhiElection pic.twitter.com/Mgxadllcpt
क्या हैं चुनावी माहौल
बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को मतदान होने वाले हैं। वहीं 8 फरवरी को चुनावी परिणाम घोषित किए जाएंगे। विधानसभा चुनाव जीतने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां एड़ी से चोटी तक का जोर लगा रही हैं। वहीं दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। वहीं इन दिनों कांग्रेस, भाजपा और आप के बीच बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप में चुनाव आयोग के अधिकारी भी परेशान है। भाजपा, आप और कांग्रेस तीनों ही पार्टियां अक्सर चुनाव आयोग के पास एक दूसरे की शिकायत के लिए पहुंचते हैं।
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