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Year Ender 2023: साल 2023 में आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं। जमीनी स्तर से लेकर शीर्ष तक कई बड़े बदलाव हुए हैं। पढ़ें इस साल दिल्ली की राजनीति में क्या कुछ खास हुआ।

Year Ender 2023: साल 2023 खत्म होने में सिर्फ दो ही दिन बचे हैं। नया साल 2024 शुरू होने वाला है। राजनीतिक दृष्टि से 2023 में आप, दिल्ली बीजेपी और कांग्रेस पार्टी में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं। दिल्ली की राजनीति में जमीनी स्तर से लेकर बड़े स्तर तक काफी अहम बदलाव हुए हैं। निचले स्तर के पदाधिकारियों से लेकर प्रदेश अध्यक्षों, उपाध्यक्षों को कैबिनेट मंत्री का पद मिल गया। वहीं, क्षेत्रीय अध्यक्ष चले गए तो कई नेताओं को नई कमान दी गई।

आप को मिला राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा 

इसी साल फरवरी माह में दिल्ली नगर निगम में आप की सरकार बनी और मेयर पद पर शैली ओबेरॉय की ताजपोशी हुई थी। लेकिन इसी महीने आप के बड़े चेहरे मनीष सिसोदिया को शराब घोटाले में अरेस्ट कर लिया गया। इससे आम आदमी पार्टी को बहुत बड़ा झटका लगा था। इसके कुछ महीने बाद अप्रैल माह में आप को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल गया था। दिल्ली के शराब घोटाले में सीएम अरविंद केजरीवाल को 16 अप्रैल को सीबीआई ने बुलाया था और करीब 9 घंटे तक पूछताछ की थी। प्रवर्तन निदेशालय ने केजरीवाल को 2 समन जारी किए थे लेकिन वह पेश नहीं हुए। इसके बाद सीएम को तीसरा समन भेजकर 3 जनवरी को बुलाया है।

इतना ही नहीं आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को भी शराब घोटाले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। ईडी ने अपनी चार्जशीट में बिजनेसमैन दिनेश अरोड़ा के बयान में संजय सिंह के नाम का जिक्र किया। संजय सिंह इस समय जेल में हैं और उन्हें जमानत नहीं दी गई है। हालांकि, यह साल राज्यसभा के सबसे युवा सांसद राघव चड्ढा के खुशियों से भरपूर रहा है। चड्ढा ने अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा से शादी की है।

सचदेवा को मिली दिल्ली बीजेपी की कमान

दिल्ली नगर निगम के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की आप से करारी शिकस्त के बाद दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनका इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंजूर कर लिया था। 23 मार्च 2023 को जेपी नड्डा ने दिल्ली बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा को प्रदेश अध्यक्ष का पदभार सौंप दिया। सचदेवा को पिछले साल दिसंबर में कार्यकारी अध्यक्ष का पद दिया गया था। सचदेवा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था तो वे प्रदेश के उपाध्यक्ष थे। सचदेवा 1988 से राजनीति में सक्रिय हैं। सचदेवा 2007 में चांदनी चौक के जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसके साथ ही वह चांदनी चौक जिले के उपाध्यक्ष और महामंत्री पद पर भी रह चुके हैं। वह साल 2009 में राज्य में मंत्री भी रह चुके हैं। वर्ष 2017 में भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी।

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आप पर बीजेपी के तीखे प्रहार

दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में बीजेपी ने साल 2023 में आम आदमी पार्टी को हर छोटे से बड़े मुद्दे पर घेरा है। वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में दिल्ली में शराब घोटाला, दिल्ली जल बोर्ड घोटाला, डीटीसी बस घोटाला, केजरीवाल सरकार बंगला घोटाला, ऑड-ईवन, प्रदूषण, सफाई आदि मुद्दों पर कई बड़े प्रदर्शन देखने को मिले। साथ ही इस साल दिल्ली बीजेपी को तीन नए क्षेत्रीय उपाध्यक्ष भी दिए गए हैं। प्रदेश उपाध्यक्ष कपिल मिश्रा, दिनेश प्रताप सिंह और गजेंद्र यादव को नई जिम्मेदारी दी गई है।

कांग्रेस ने अरविंदर लवली पर जताया भरोसा

दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने इस्तीफा दे दिया। 31 अगस्त 2023 को अरविंदर सिंह लवली को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया गया। लवली इससे पहले भी पार्टी की कमान संभाल चुके हैं। वहीं, पद संभालने के बाद उन्होंने कहा कि वह दिल्ली में कांग्रेस की खोई हुई राजनीतिक जमीन वापस पाने और संगठन को मजबूत करने के लिए काम करेंगे। पार्टी से जो पुराने कार्यकर्ता नाराज हो गए उनको मनाने का प्रयास किया जाएगा। प्रदेश की बागडोर संभालने के बाद अरविंदर सिंह लवली ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार पर जमकर हमला बोला है। दिल्ली में महंगाई, बेरोजगारी और जहरीली हवा यानी प्रदूषण के मुद्दे पर कांग्रेस ने उनके नेतृत्व में प्रदर्शन किया। इस बीच उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ अनोखे अंदाज में प्रदर्शन किया। उन्हें मुंह पर मास्क और हाथ में ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर विरोध प्रदर्शन करते देखा गया।

लवली लगातार 15 साल तक दिल्ली की सत्ता पर काबिज रहे। वह शीला दीक्षित सरकार में शिक्षा से लेकर पर्यटन मंत्रालय तक की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। इससे पहले लवली 2014 में भी प्रदेश अध्यक्ष बने थे। 2017 में निगम चुनाव से पहले वह बीजेपी में शामिल हो गए। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी से कुछ मतभेद होने के कारण उन्होंने फिर से कांग्रेस का दामन थाम लिया था।

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