Delhi News:दिल्ली के रेलवे भवन (Railway Bhawan) में मेडिकल बिल (Fake Medical Bill) के नाम पर लाखों रुपए का फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया है। इसका आरोप विभाग के असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर (ASO) पर लगा है। आरोप है कि अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए ऑफिसर ने 15 लाख रुपए से ज्यादा के फर्जी मेडिकल बिल पास किए है। जिसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही मामले की शिकायत दिल्ली पुलिस की साइबर सेल से भी की गई है। वहीं पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेलवे बोर्ड के डिप्टी सेक्रेटरी की शिकायत पर असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। शिकायत में कहा गया है कि एएसओ ने सीजीएचएस (CGHS) लाभार्थी के लिए रीइंबर्समेंट के नाम पर फर्जी मेडिकल बिलों को मंजूरी दी। उन्होंने अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए ऐसे बिल को पास कर दिया तो कभी आए ही नहीं थे। खबरों की मानें, तो रेलवे ने जब इस मामले की शुरुआती जांच की तो पता चला कि बिल के आधार पर फर्जी नामों से ई-फाइल खोलकर पे एंड अकाउंट ऑफिस रेलवे बोर्ड, रेल भवन को मंजूरी का आदेश भी जारी किया गया है। इसके बाद 4 बैंक अकाउंट्स में करीब 15,17,545 रुपये ट्रांसफर किए गए।
विभागीय कार्रवाई के बाद एएसओ सस्पेंड
कहा जा रहा है कि जब इस मामले का खुलासा हुआ तो एएसओ ने दफ्तर आना बंद कर दिया था। वह 7 नवंबर 2023 से ऑफिस नहीं आ रहे थे। इसके बाद उनके खिलाफ विभागीय जांच बैठाई गई। जांच में उनके खिलाफ लगे सभी आरोप सही पाए गए। जिसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया है। रेलवे के अधिकारी अभी पिछला रिकॉर्ड खंगाल रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि फर्जीवाड़ा और बड़ा हो सकता है। वहीं विभाग ने एएसओ के खिलाफ पुलिस में भी मामले की शिकायत कर दी है।