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Reels Craze in Delhi-NCR: बिहार के बेगूसराय में रील्स बनाने की लत में पत्नी ने अपने पति की हत्या कर दी। दिल्ली की बात करें तो यहां भी रील बनाने का क्रेज जिंदगी से बढ़कर नजर आ रहा है। आलम यह है कि रील बनाने के चक्कर में लोग सही और गलत का भी फर्क नहीं समझ पाते हैं। इसका सबसे बुरा असर बच्चों पर भी पड़ रहा है।

Reels Craze in Delhi-NCR: बिहार के बेगूसराय में रील्स बनाने से टोकने पर पत्नी ने अपने पति की गला दबाकर हत्या कर दी। यह पहला मामला नहीं है, जब रियल जिंदगी पर रील्स का क्रेज भारी पड़ा है। राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां के लोगों पर भी रील बनाने का क्रेज सिर चढ़कर बोल रहा है। इस लत के चलते किसी ने अपनी जान गंवाई है, तो कोई सलाखों के पीछे तक पहुंच गया है। आज की इस खबर में हम रील की रियल स्टोरी के बारे में बताने जा रहे हैं, लेकिन इससे पहले दिल्ली-एनसीआर की कुछ घटनाओं के बारे में बताते हैं, जिससे आप समझ पाएंगे कि रील बनाने के चक्कर में लोग सही और गलत का फर्क भी भूल जाते हैं।

भाभी के साथ रील देखकर कर दी हत्या

घटना पिछले साल 3 जुलाई की है। पुलिस ने शहजादा बाग इलाके से युवक का शव बरामद किया था। मृतक की शिनाख्त 20 वर्षीय राजकुमार के रूप में हुई, जो कि मूल रूप से बिहार के अररिया का रहने वाला था। सात दिन की गहन जांच के बाद पुलिस ने अशफाक और मेराज को गिरफ्तार किया था। आरोपी अशफाक ने पुलिस को बताया था कि राजकुमार ने उसकी भाभी के साथ रील बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दी थी, जिससे उनकी बेइज्जती हो रही थी। इसलिए उसने अपने दोस्त के साथ मिलकर राजकुमार की हत्या कर दी।

यही नहीं, रील के चक्कर में जान गंवाने की कई घटनाएं हैं। नवंबर 2023 में शाहदरा में भी दो युवकों की जान रील बनाने के चक्कर में चली गई थी। शाहदरा के फर्श बाजार में शराब के नशे में तीन युवकों ने रील बनानी शुरू की। संतुलन खोने से तीनों नाले में गिर गए। हालांकि एक युवक की जान बच गई, लेकिन बाकी दोनों की जान चली गई।

रील वायरल करने के चक्कर में गए सलाखों के पीछे

रील बनाने वाले लोग इसे वायरल करने के लिए किसी भी हद तक पहुंच जाते हैं। नोएडा की एक घटना के बारे में बताते हैं। नोएडा के सेक्टर 78 निवासी विक्रम सिंह दिल्ली आए थे। यहां उन्होंने अपनी गाड़ी में पेट्रोल भरवाया, लेकिन इस दौरान अपनी गाड़ी को ही पेट्रोल से धोना शुरू कर दिया। विक्रम ने इसका पूरा वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। पुलिस ने तुरंत वीडियो का संज्ञान लेकर कार चालक की तलाश शुरू कर दी। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो बताया कि मुझे अंदाजा नहीं था कि अगर आग लग जाती तो पेट्रोल पंप उड़ सकता था।

रील की चौंकाने वाली रियल कहानी

स्ट्रेटजी कंस्लटिंग फर्म रेडसीर की एक रिपोर्ट पर नजर डालें तो भारत में रील इंडस्ट्री 45 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की है। 2030 तक यह कारोबार एक लाख करोड़ तक का हो सकता है। अभी तक हर शख्स औसतन 35 से 40 मिनट का समय रील देखने में गुजारता है। केवल व्यस्क ही नहीं बल्कि बच्चे भी इससे अधिक समय रील देखने में गुजार रहे हैं।

एक रिपोर्ट कहती है कि सोशल मीडिया पर महिलाएं ज्यादा वक्त देती हैं। इंस्टाग्राम पर 78 फीसद, टिकटॉक पर 76 फीसद और यूट्यूब पर 69 फीसद महिलाएं वीडियो और रील्स देखती हैं। पुरुषों की बात करें तो इंस्टाग्राम पर 22 फीसद, टिकटॉक पर 24 फीसद और यूट्यूब पर 31 फीसद पुरुष इन्फ्लुएंसर्स हैं।

बच्चों के लिए रील का चक्कर बेहद खतरनाक

दिल्ली की मनोचिकित्सक सौम्या का कहना है कि आजकल बच्चे भी रील बनाने और देखने में ज्यादा समय गुजार रहे हैं। इसका असर बच्चों की याददाश्त पर भी पड़ता है। सामान्य स्थिति में बच्चे बिना किसी भटकाव के 12 से 15 सेकंड में काम में ध्यान लगा पाते हैं, लेकिन चार से पांच घंटे तक रील देखने वाले बच्चों में यह दर घटकर 5 सेकंड तक हो रही है। कई रिसर्च से पता चलता है कि रील देखने वाले बच्चे पढ़ाई से भी दूर होते चले जाते हैं। ऐसे में बच्चों पर विशेष नजर रखने की जरूरत है। साथ ही, युवाओं को भी रील्स देखने में अधिक समय नहीं गुजारना चाहिए। 

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