New Delhi Stampede: शनिवार रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्रयागराज जाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ में हुई भगदड़ में अब तक 4 बच्चों समेत 18 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 10 लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं, जिनका दिल्ली के LNJP अस्पताल में इलाज चल रहा है। वहीं भारतीय रेलवे की तरफ से मरने वाले श्रद्धालुओं को 10 लाख और घायल लोगों को 2.5 लाख रुपए देने का ऐलान किया गया है। श्रद्धालुओं की मौत पर देश के बड़े-बड़े नेता दुख जता रहे हैं। वहीं विपक्षी नेता व्यवस्थाओं को लेकर नाराजगी भी जता रहे हैं। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी और अरविंद केजरीवाल समेत कई नेताओं ने दुख जताया है।
देर रात LNJP अस्पताल पहुंचीं आतिशी
बीती रात भगदड़ के बाद घायलों और मृतकों को दिल्ली के LNJP (लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल) अस्पताल ले जाया गया। इस दौरान आम आदमी पार्टी के चांदनी चौक और मटिया महल से विधायक और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना वहां पहुंचीं। उन्होंने बताया कि मृतकों के परिवारों को सूचना दे दी गई है। दुख की घड़ी में हम पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं। उन्होंने बताया कि रात दो बजे तक लगभग 15 मृतकों को अस्पताल लाया जा चुका था। दो लोगों को छोड़कर बाकी सभी मृतकों की पहचान की जा चुकी है। वहीं घायलों का इलाज चल रहा है।
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अरविंद केजरवाल ने जताया दुख
वहीं दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसे पर गंभीर चिंता जाहिर की। उन्होंने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि महाकुंभ जा रहे श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत बेहद दुखद है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे। साथ ही उन्होंने हादसे में परिजनों को खोने वाले परिवार वालों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं।
मनोज तिवारी ने जताया दुख
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि जब से ये खबर सुनी है, मन बेहद दुखी है। मैं मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं और घायलों के शीघ्र ठीक होने की कामना करता हूं।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने नई दिल्ली हादसे को लेकर दुख जताया और साथ ही सरकार पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि कल रात नई दिल्ली रेलवे परिसर पर भगदड़ मची, जिसमें लाचार श्रद्धालुओं की मौत हो गई। सरकार को इस बात की फिक्र नहीं है कि इन मौतों को कैसे रोका जाए। सरकार को इस बात की चिंता रहती है कि मौत की खबरों को कैसे रोका जाए, इसी कारण भगदड़ के बाद 'ऑपरेशन लीपा पोती' चलाया गया।
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