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Raj Kapoor Death Anniversary: बॉलीवुड के शोमैन राज कपूर की आज पुण्यतिथि है। उनका दिल्ली के रीगल सिनेमा से खासा लगावा था। वे अपनी हर फिल्म का प्रीमियर यहीं रखते थे। पढ़िये इसके पीछे की पूरी कहानी...

Raj Kapoor Death Anniversary: बॉलीवुड के शोमैन राज कपूर की आज पुण्यतिथि है। उन्होंने अपने करिअर में एक से बढ़कर कई शानदार फिल्में दीं। बॉलीवुड में उनके योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। उसी प्रकार, दिल्ली में रीगल सिनेमा था, जिसे राज कपूर स्वयं भी कभी भूल नहीं पाए। वे यहां अपनी हर फिल्म का प्रीमियर करते थे। यही नहीं, राज कपूर के पिता पृथ्वीराज कपूर भी यहां थियेटर करते थे। ऐसे में यह सिनेमा घर कपूर परिवार को अपने घर जैसा लगता था। आज उनकी पुण्य तिथि पर हम इसी रीगल सिनेमा की कहानी बताने जा रहे हैं।

31 मार्च 2017 को हुआ था रीगल लास्ट शो

कनॉट प्लेस स्थित रिगल सिनेमा को 1 अप्रैल 2017 को बंद कर दिया गया था। इस सिनेमा में 31 मार्च 2017 को आखिरी दिन चार शो का आयोजन किया गया। पहले दो शो में फिल्लौर फिल्म दिखाई गई, जो कि ताजा ताजा रिलीज हुई थी। वहीं, लास्ट के दो शो में राज कपूर की दो फिल्में दिखाई गईं। छह बजे के शो में मेरा नाम जोकर फिल्म का शो रखा गया, जबकि रात 10 बजे संगम फिल्म का शो दिखाया गया।

रीगल सिनेमा के बंद होने की खबर से जहां सिनेमाप्रेमी भावुक थे, वहीं राज कपूर की फिल्म देखने के लिए भी उत्साह था। उत्साह का आलम ऐसा कि दोनों हाउसफुल होने के बाद भी टिकट के लिए प्रयास करते दिखे। एक रिपोर्ट्स में बताया गया कि कई लोग फर्श पर बैठकर फिल्म देखने को तैयार थे, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि रीगल सिनेमा और राज कपूर को लेकर कितने भावुक थे।

आजादी से पहले का था रीगल सिनेमा

रीगल सिनेमा उन चुनिंदा सिनेमाघरों में से है, जो कि आजादी से पहले बना था। रीगल सिनेमा का निर्माण 1932 में हुआ था। इस सिनेमा में 694 लोगों के बैठने की व्यवस्था थी। यहां हिंदी ही नहीं बल्कि इंग्लिश फिल्में भी दिखाई जाती थीं। उस समय ऐसा कोई सेलिब्रिटी नहीं होगा, जिसने इसका दीदार न किया हो।

आज हर जगह वाहनों का जमावड़ा दिखता है, लेकिन उस वक्त सबसे ज्यादा चहल पहल रीगल सिनेमा के आसपास नजर आती थी। भीड़ इतनी ज्यादा होती थी कि फिल्म देखने के लिए अगले शो का इंतजार करना पड़ जाता था। एक समय था, जब कहा जाता था कि रीगल सिनेमा में फिल्म नहीं देखी तो समझो दिल्ली नहीं देखी। लेकिन, इस उपलब्धि के बावजूद रीगल सिनेमा का राज कपूर से खासा लगाव था। यही वजह रही कि जब इस सिनेमाघर को बंद करना पड़ा, तो राज कपूर की ही दो फिल्में दर्शकों को दिखाई गई थीं।

राज कपूर प्रीमियर से पहले करते थे हवन यज्ञ

बताया जाता है कि राज कपूर अपनी हर फिल्म का प्रीमियर दिल्ली के इस रीयल सिनेमा में ही रखते थे। प्रीमियर से पहले यहां हवन यज्ञ का आयोजन किया जाता था। केवल राज कपूर ही नहीं बल्कि उनके परिवार के सभी सदस्य भी यहां आते थे। उनके पिता पृथ्वीराज कपूर तो अपने समय में यहां नाटक में भी किरदार निभाते थे। एक इंटरव्यू में राज कपूर ने कहा था कि रीगल सिनेमा उनके घर जैसा है, इसलिए वहां जाना अच्छा लगता है।

तो फिर रीगल सिनेमा को क्यों बंद करना पड़ा

अब आप सोच रहे होंगे कि रीगल सिनेमा को बंद क्यों किया गया। दरअसल, 13 जून 1997 को उपहार सिनेमा कांड हुआ था। उस वक्त बॉर्डर फिल्म का फर्स्ट डे फर्स्ट शो चल रहा था। इस दौरान भीषण आग लगने से 59 लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद एनडीएमसी ने कनॉट प्लेस की इमारतों के मानक संबंधी नोटिस जारी किए। यह नोटिस रीगल सिनेमा को भी मिला। ऐसे में रीगल के मालिकों को लगा कि इस सिनेमा की जगह मल्टीप्लेक्स खोला जाए।

यही वजह रही कि इस ऐतिहासिक सिनेमा घर को 1 अप्रैल 2017 को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया। अगर आप कभी कनाट प्लेस जाएं तो आपको एक बार यहां अवश्य जाना चाहिए, जहां किसी वक्त बॉलीवुड के सितारे जमीं पर उतरते थे। बॉलीवुड के शोमैन राज कपूर को हरिभूमि डिजिटल की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि।

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