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Roko Toko Strategy: दिल्ली पुलिस ने 'रोको-टोको' अभियान के तहत राजधानी को अपराध मुक्त बनाने के लिए कमर कस रखी है। एक जनवरी से अब तक कई अपराधी पुलिस के शिकंजे में फंस गए हैं। पढ़िये यह रिपोर्ट...

Roko Toko Strategy: दिल्ली पुलिस राजधानी को अपराध मुक्त बनाने के लिए रोको-टोको रणनीति पर कार्य कर रही है। यह रणनीति इतनी सफल साबित हो रही है, जिसके चलते रोजाना अपराधी पुलिस के शिकंजे में फंस रहे हैं। यही नहीं, पकड़े गए आरोपियों से दिल्ली में सक्रिय चेन स्नेचरों, वाहन लूटने और अन्य लूटपाट करने वालों आरोपियों का भी पता चल रहा है। तो चलिये कुछ उदाहरण देते हैं, जिससे दिल्ली पुलिस की 'रोको टोको रणनीति' बदमाशों पर भारी पड़ रही है।

पहला मामला: सराय रोहिल्ला में संदिग्ध निकला हिस्ट्रीशीटर

दिल्ली पुलिस ने बताया कि एक जनवरी की रात को सराय रोहिल्ला में एक व्यक्ति को रुकवाकर उसकी तलाशी ली गई। उसके पास से एक एप्पल फोन बरामद हुआ। उसके कपड़े देखकर लगता था कि यह फोन उसका नहीं होगा। पूछताछ में उसने कई बहाने बनाए, लेकिन वो अपने सवालों में उलझ गया। इसके बाद जब उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने बताया कि यह फोन अपने साथी सन्नी उर्फ ​​कुणाल से मिलकर दो घंटे पहले शक्ति नगर इलाके से लूटा था। पुलिस ने रिकॉर्ड खंगाला तो इसकी शिकायत दर्ज मिली। पुलिस ने बताया कि आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने 8 वारदातों का खुलासा कर दिया। वह हिस्ट्रीशीटर है और जेल भी जा चुका है। उसके पास से एक लूटी गई पल्सर बाइक भी बरामद की गई है। उसके खुलासे से अन्य आरोपियों की भी धरपकड़ की जा रही है।

दूसरा मामला: पहाड़गंज का हिस्ट्रीशीटर भी रोको-टोको अभियान में पकड़ा गया

2 जनवरी को पहाड़गंज का एक हिस्ट्रीशीटर भी पुलिस के एक शिकंजे में फंस गया। संबंधित पुलिस टीम मोरी गेट सर्किल पर तलाशी अभियान चला रही थी। इस दौरान केटीएम ड्यूक बाइक पर सवार युवक पुलिस को देखकर सकपका गया। उसके हावभाव देखकर पुलिसकर्मियों को उस पर संदेह हुआ। पुलिस ने उसे रोकना चाहा तो बाइक दौड़ा दी। पुलिस ने उसे कड़ी मशक्कत के बाद घेर लिया। पूछताछ में उसने भी स्नैचिंग और अन्य अपराधों की आठ वारदातें कबूल कीं। पूछताछ में आरोपी ने यह भी बताया कि वो जेल में बंद था और रिहा हाने के बाद से नवंबर में दोबारा से वारदातें करने लगा था। इसी प्रकार कई ऐसे मामले हैं, जो 'रोको-टोको' अभियान के तहत सुलझ पाए हैं।

क्राइम की वजह: कम पढ़े लिखे और आलीशान जिंदगी जीने की चाह

दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि चेन स्नैचिंग और लूट करने वाले ज्यादातर आरोपी कम पढ़े लिखे लोग हैं। उपरोक्त दोनों मामले में भी दोनों आरोपी स्कूल ड्रॉप आउट थे और आलीशान जिंदगी जीना चाहते थे। सराय रोहिल्ला में गिरफ्तार आरोपी ने भी यह खुलासा किया था कि उसने शराब की नशे की लत को पूरा करने के लिए सबसे पहले चोरी की थी। इसके बाद वो लोगों से भी लूट करने लगा। कमोबेश यही कहानी हर आरोपी की है, जो अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए अपराध करने से गुरेज नहीं करता है।

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