How Start Weight Loss Journey: हर किसी की तमन्ना होती है कि फिट रहें, लेकिन जीभ का स्वाद हमें मोटापे की ओर धकेल देता है। नतीजा यह होता है कि हम मोटापे की ऐसी स्थिति में पहुंच जाते हैं, जहां हम दोबारा से फिट रहने की कल्पना तक नहीं कर पाते हैं। अगर आप भी ऐसे ही लोगों में शुमार हैं, तो आपको हार मानने की बजाए FAT To Fit की यात्रा 3 अप्रैल से ही शुरू कर देनी चाहिए। यह ऐसा दिन है, जिस पर फिटनेस यात्रा शुरू करने पर तीन से चार महीने के भीतर ही सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। नीचे जानिये 3 अप्रैल का दिन वजन कम करने वालों के लिए बेहद शुभ क्यों बताया जा रहा है।

National Walking Day 2025

मोटापा कम करने की पहली सीढ़ी यह मानी जाती है कि दिन में कम से कम पांच से छह हजार पैदल चलना चाहिए। इसके बाद धीरे-धीरे कदमों की संख्या बढ़ाकर दस हजार तक तक करनी चाहिए। इसका फायदा शरीर के सभी अंगों को पहुंचता है। जानकार भी कहते हैं कि मोटापा कम करने की यात्रा ज्यादा से ज्यादा पैदल चलने से की जानी चाहिए। तीन अप्रैल को दुनियाभर में नेशनल वॉकिंग डे मनाया जा रहा है। यह दिन दिखाता है कि चलना कितना महत्वपूर्ण है। इसकी तुलना जिम या पार्क में वेट लिफ्टिंग या कार्डियो से नहीं की जा सकती, लेकिन वॉकिंग के फायदे भी अनगिनती है, जो वेट लॉस में अहम भूमिका निभाते हैं।

रोजाना पैदल चलने के फायदे
  • पैदल चलने से जोड़ों को लुबिकेशन मिलता है।
  • इससे जोड़ों की अकड़न कम होती है।
  • वॉकिंग ब्लड सर्कुलेशन को सुधारकर हर अंग तक पहुंचाने में मदद करता है।
  • जिम वाले व्यायाम की बजाय यह शरीर पर कम दबाव डालता है।
  • वॉकिंग ह्रदय से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे लोगों को भी इससे उबरने में मदद करता है।
  • तेजी से वॉकिंग कर श्वास प्रणाली भी बेहतर होती है। इससे फेफड़े भी मजबूत बनते हैं।
  • सुबह के वातावरण में पैदल चलने से मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है।
  • वॉकिंग करने वाले लोगों में मृत्यु खतरा भी कम होता है।
  • पाचन और नींद में सुधार के साथ ही शरीर को हल्के व्यायाम के अनुकूल भी बनाने में सहायक होता है।
  • हल्के व्यायाम के बाद आप Fat to Fit की यात्रा को अपने लक्ष्य तक पहुंचा सकते हैं।
  • तो देरी किस बात की, आज से ही शुरू कर दीजिए खुद को स्लिम ट्रिम बनने की यात्रा।

(Disclaimer: पैदल चलना सेहत के लिए फायदेमंद है, लेकिन किसी भी प्रकार की बीमारी से जूझ रहे हैं, तो किसी विशेषज्ञ से अवश्य सलाह लेनी चाहिए। हरिभूमि उपरोक्त सभी तथ्यों की पुष्टि नहीं करता है।)