सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध लागू करने में कथित विफलता को लेकर चिंता व्यक्त की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में पटाखों पर बैन (Firecracker Ban )का ठीक से पालन नहीं किया गया। जिसके चलते दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। जो आतिशी की सरकार को एक हफ्ते के भीतर दाखिल करना होगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा है कि एक हफ्ते के भीतर यह स्पष्ट करें कि पटाखों पर बैन को प्रभावी ढंग से लागू क्यों नहीं किया गया।कोर्ट ने दिल्ली सरकार से तत्काल प्रतिक्रिया मांगी है।
Air pollution: Supreme Court observes that there are widespread reports in newspapers that ban on firecrackers was not implemented.
— ANI (@ANI) November 4, 2024
Supreme Court says it wants Delhi government to immediately respond as to why fire-cracker ban was hardly implemented. pic.twitter.com/bhrYs81JKM
दरअसल, दिल्ली-एनसीआर में एक जनवरी 2025 तक पटाखों की बिक्री पर बैन लगाया गया है। इसके बाद भी दिवाली पर जमकर आतिशबाजी हुई और पटाखे जलाए गए। जिसके बाद 1 नवंबर को दिल्ली में हवा की गुणवत्ता (AQI) "बहुत खराब" दर्ज किया गया था। हालांकि, सामान्य से ज्यादा तापमान और तेज हवा ने प्रदूषकों को बिखरने में मदद की। राजधानी में धुंध की घनी परत छा गई। सुबह 9 बजे तक वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 362 तक पहुंच गया।
वहीं दिल्ली सरकार और अधिकारियों ने पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के प्रयास किए थे। दिल्ली पुलिस और राजस्व विभाग ने दिवाली पर पटाखों की बिक्री और उपयोग को रोकने के लिए कुल 377 टीमें तैनात की थीं। जिसके चलते 79 मामले दर्ज किए गए और 19,005 किलोग्राम पटाखे जब्त किए गए। हालांकि, इसके बावजूद दिल्ली-एनसीआर में खूब पटाखे जलाए गए। ये ही वजह है कि दिवाली के कई दिन बीत जाने के बाद भी पटाखों का धुआं हवा में मौजूद है और लोगों को सांस लेने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
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