Arvind Kejriwal News: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए जमानत दे दी है। केजरीवाल को यह जमानत मनी लॉन्ड्रिंग केस में मिली है। इसे ED देख रही है। केजरीवाल के खिलाफ दूसरा मामला CBI देख रही है, जिसमें वह अभी जेल में हैं। इसलिए जमानत मिलने के बाद भी वह अभी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे।
जस्टिस संजीव खन्ना ने जमानत देते हुए कहा- केजरीवाल पिछले 90 दिनों से जेल में हैं। हम निर्देश देते हैं कि उन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाएगा। जस्टिस ने कहा कि वह एक निर्वाचित नेता हैं। हम ये मामला बड़ी बेंच को ट्रांसफर कर रहे हैं। गिरफ्तारी की पॉलिसी क्या है, इसका आधार क्या है। इसके लिए हमने 3 सवाल भी तैयार किए हैं। अंतरिम जमानत पर बड़ी बेंच अगर चाहे तो बदलाव कर सकती है।
#WATCH | On Supreme Court granting interim bail to CM Arvind Kejriwal in ED matter of Excise Policy case, Delhi State President AAP Legal Cell, Adv Sanjeev Nasair says, "I thank the Supreme Court that today is a day of great relief. We have been saying from the very first day… pic.twitter.com/fbo5FRK2r3
— ANI (@ANI) July 12, 2024
AAP बोली सत्यमेव जयते
सीएम को जमानत मिलने के बाद आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में खुशी का माहौल है। इस बीच AAP ने सीएम केजरीवाल की तस्वीर एक्स पर साझा करते हुए लिखा कि सत्यमेव जयते। वहीं, राज्यसभा सांसद संजय सिंह पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। सिंह ने एक्स पर लिखा कि झूठा केस लगाकर सच को कब तक कैद में रखोगे। प्रधानमंत्री जी पूरा देश आपकी तानाशाही को देख रहा है। ED कोर्ट हो या सुप्रीम कोर्ट सब मानते हैं को ED ने झूठा फंसाया गया है। सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला सत्य की जीत है।
सत्यमेव जयते 🇮🇳 pic.twitter.com/dG5o2eHB0l
— AAP (@AamAadmiParty) July 12, 2024
क्या बोले सीएम केजरीवाल के वकील
सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीएम अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिए जाने पर केजरीवाल के वकील ऋषिकेश कुमार ने कहा सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी है और धारा 19 और गिरफ्तारी की आवश्यकता के मुद्दे को एक बड़ी बेंच को भेज दिया गया है। सीएम केजरीवाल हिरासत में ही रहेंगे क्योंकि सीबीआई मामले में उनकी जमानत अभी भी लंबित है। यह एक बड़ी जीत है।
#WATCH | On Supreme Court granting interim bail to CM Arvind Kejriwal, CM Kejriwal's lawyer Rishikesh Kumar says, "The Supreme Court has granted him interim bail and the issue of section 19 and necessity of arrest has been referred to a larger bench. CM Kejriwal will remain in… pic.twitter.com/et9ectf34R
— ANI (@ANI) July 12, 2024
वीरेंद्र सचदेवा ने बोला हमला
अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतरिम जमानत दिए जाने पर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा की प्रतिक्रिया सामने आई है। सचदेवा ने कहा कि यह जांच एजेंसी और न्यायपालिका के बीच का फैसला है। अंतरिम जमानत का मतलब यह नहीं है कि आप बरी हो गए हैं। कोर्ट का स्पष्ट फैसला आने दीजिए। लेकिन दिल्ली की जनता यह अच्छी तरह जानती है कि जिस तरह से अरविंद केजरीवाल ने आबकारी नीति मामले में भ्रष्टाचार किया है, वैसा ही इस बिजली घोटाले का मामला है, जहां दिल्ली की जनता को लूटने की कोशिश की जा रही है।
#WATCH | On Supreme Court granting interim bail to Delhi CM Arvind Kejriwal in ED matter of Excise Policy case, Delhi BJP chief Virendraa Sachdeva says, "This is a decision between the investigation agency and judiciary. Interim Bail doesn't main that you are acquitted. Let the… pic.twitter.com/d3BgW1OvgR
— ANI (@ANI) July 12, 2024
बीजेपी सांसद कमलजीत सहरावत का बयान
केजरीवाल को अंतरिम ज़मानत मिलने पर भाजपा सांसद कमलजीत सहरावत ने कहा अंतरिम ज़मानत किसी व्यक्ति द्वारा किए गए अपराध से राहत नहीं है। अंतरिम ज़मानत किसी व्यक्ति को केस चलने तक जेल से बाहर रहने का प्रावधान करती है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अरविंद केजरीवाल ने कोई घोटाला नहीं किया है, कि वह भ्रष्टाचार में शामिल नहीं थे। शायद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बाहर निकलकर काम करने की अनुमति दी है, क्योंकि दिल्ली के लोग पीड़ित हैं। लेकिन अदालत ने उन्हें बरी नहीं किया है।
#WATCH | On Supreme Court granting interim bail to Delhi CM Arvind Kejriwal in ED matter of Excise Policy case, BJP MP Kamaljeet Sehrawat says, "Interim Bail is not a relief from the crime that one has committed. Interim Bail provides for one to stay out of jail as the case… pic.twitter.com/8t3PCawhIh
— ANI (@ANI) July 12, 2024
बांसुरी स्वराज ने लगाए AAP पर ये आरोप
वहीं, भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा आम आदमी पार्टी एक बार फिर जनता और मीडिया को गुमराह कर रही है। अरविंद केजरीवाल की याचिका में अनुरोध किया गया था कि उनकी गिरफ्तारी को अवैध घोषित किया जाए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कोई राहत नहीं दी और इसके बजाय मामले को बड़ी बेंच को भेज दिया। उन्हें जो अंतरिम जमानत मिली है, वह इसलिए है क्योंकि कानून के एक बिंदु को बड़ी बेंच को भेज दिया गया है और बड़ी बेंच द्वारा सुनवाई में समय लगता है।
SC ने 17 मई को फैसला रखा था सुरक्षित
बता दें कि सीएम ने याचिका में कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद रिमांड को चुनौती दी थी। इससे पहले शीर्ष अदालत ने 17 मई को केजरीवाल की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाया है।
Supreme Court grants interim bail to Delhi Chief Minister and AAP National Convener Arvind Kejriwal in the Delhi excise policy case.
— ANI (@ANI) July 12, 2024
The Apex Court refers his petition challenging his arrest by the Enforcement Directorate (ED) to a larger bench. pic.twitter.com/9s40JBWJhV
पिछली सुनवाई को ईडी ने दी थी ये दलील
सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने शीर्ष अदालत को बताया था कि हवाला के जरिए आम आदमी पार्टी को पैसे भेजे जाने के सबूत हैं। राजू ने कहा था कि ईडी ने मामले में अपराध की कथित आय के बारे में केजरीवाल और हवाला ऑपरेटरों के बीच चैट भी खोजी है। वहीं, सीएम केजरीवाल का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने तर्क दिया था कि मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी का बचाव करने के लिए ईडी द्वारा अब जिस सामग्री का हवाला दिया जा रहा है, वह उनकी गिरफ्तारी के दौरान मौजूद नहीं थी।
लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए मिली थी जमानत
10 मई को शीर्ष अदालत ने उन्हें दिल्ली आबकारी नीति के संबंध में ईडी द्वारा दर्ज धन शोधन मामले में 1 जून तक अंतरिम जमानत दे दी थी, हालांकि, आदेश दिया था कि वह मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय नहीं जाएंगे। पीठ ने केजरीवाल को 2 जून को आत्मसमर्पण करने को कहा था। उन्होंने 2 जून को आत्मसमर्पण कर दिया। शीर्ष अदालत का फैसला केजरीवाल की उस अपील पर आएगा, जिसमें उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें आबकारी नीति मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तारी और उसके बाद रिमांड के खिलाफ उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।
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केजरीवाल ने शीर्ष अदालत में अपील दायर करते हुए तर्क दिया था कि आम चुनावों की घोषणा के बाद उनकी गिरफ्तारी बाहरी विचारों से प्रेरित थी। 9 अप्रैल को उच्च न्यायालय ने जेल से रिहाई की उनकी याचिका खारिज कर दी थी और लोकसभा चुनावों के बीच राजनीतिक प्रतिशोध की उनकी दलील को खारिज कर दिया था।
21 मार्च को हुई थी सीएम की गिरफ्तारी
उच्च न्यायालय ने कहा था कि छह महीने में ईडी के 9 समन पर केजरीवाल की अनुपस्थिति ने मुख्यमंत्री के रूप में विशेषाधिकार के किसी भी दावे को कमजोर कर दिया, यह सुझाव देते हुए कि उनकी गिरफ्तारी उनके असहयोग का एक अपरिहार्य परिणाम थी। बता दें कि सीएम केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में जांच के लिए ईडी ने 21 मार्च की रात को गिरफ्तार किया था। इसके बाद पार्टी के नेताओं ने जमकर प्रदर्शन किया था।