AAP MP Swati Maliwal attack AAP: राज्यसभा सांसद और दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने बीते कुछ महीनों से आम आदमी पार्टी (AAP) के खिलाफ अपने तीखे बयानों को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब दिया है। स्वाति मालीवाल ने इस बात का स्पष्ट जवाब दिया कि वे पार्टी से इस्तीफा क्यों नहीं दे रही हैं, जबकि वे लगातार पार्टी और उसके नेताओं पर आरोप लगा रही हैं। मालीवाल ने साथ ही आप संयोजक अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री आतिशी को भी चुनौती दी है कि वे जमीन पर उतरकर काम करें।

स्वाति मालीवाल का इस्तीफा न देने का कारण

स्वाति मालीवाल ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्हें कुर्सी का कोई मोह नहीं है और वे हमेशा से एक जमीनी कार्यकर्ता रही हैं। उनका कहना था कि उन्होंने अपनी मेहनत से यह स्थिति हासिल की है और इसीलिए इस्तीफा नहीं देंगी। स्वाति ने बताया कि साल 2006 में जब उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की, तब से उन्होंने झुग्गियों में काम करना शुरू किया था और लगातार सात साल तक उन्होंने वहां काम किया।

इसके बाद उन्होंने 'इंडिया अगैंस्ट करप्शन' आंदोलन में भी भाग लिया और इस आंदोलन की सबसे युवा कोर कमेटी की सदस्य बनीं। उन्होंने दिल्ली महिला आयोग के अध्यक्ष के तौर पर एक लाख 70 हजार से ज्यादा मामलों की सुनवाई की। स्वाति मालीवाल ने कहा कि उनकी जमीनी कार्यकर्ता के तौर पर पहचान है, और इस वजह वे इस्तीफा नहीं देंगी।

केजरीवाल और आतिशी को दी चुनौती

स्वाति मालीवाल ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी के नेताओं अरविंद केजरीवाल और आतिशी पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि एक नेता या सांसद को काम करने के लिए जमीन पर उतरना पड़ता है, लेकिन केजरीवाल और आतिशी प्रेस कॉन्फ्रेंस करने तक सीमित रहते हैं। मालीवाल ने दोनों नेताओं को चुनौती दी कि वे जमीन पर उतरकर काम करें और जनता से जुड़े मुद्दों पर सक्रिय रूप से काम करें, बजाय इसके कि वे केवल प्रेस कॉन्फ्रेंस करें। 

बीजेपी की एजेंट होने के आरोप पर प्रतिक्रिया

स्वाति मालीवाल पर यह आरोप भी लगता रहा है कि वे बीजेपी की एजेंट हैं। इस पर जवाब देते हुए मालीवाल ने कहा कि जब भी कोई सवाल उठता है, तो आम आदमी पार्टी के लोग उसे बीजेपी का एजेंट कह देते हैं। मालीवाल ने इस दौरान पूर्व में आम आदमी पार्टी के नेताओं, प्रशांत भूषण और शांति भूषण का उदाहरण देते हुए कहा कि जब उन्होंने पार्टी के खिलाफ सवाल उठाया था तो उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था। उनका कहना था कि यह दिखाता है कि पार्टी के भीतर किसी भी प्रकार के आलोचनात्मक दृष्टिकोण को सहन नहीं किया जाता।

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नतीजा: स्वाति मालीवाल की साफगोई

स्वाति मालीवाल का यह बयान कई सवालों के जवाब देने वाला साबित हुआ, खासकर उनके इस्तीफा न देने और आम आदमी पार्टी के खिलाफ उनके खुले बयानों पर। उनकी इस साफगोई से यह साफ होता है कि वह अपनी मेहनत से राज्यसभा तक पहुंची हैं और पार्टी से इस्तीफा देने का कोई इरादा नहीं रखतीं, हालांकि पार्टी के नेताओं के खिलाफ उनका गुस्सा और नाराजगी जस की तस बनी हुई है।

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