Womesh Chandra Bonnerjee Birth anniversary: कांग्रेस पार्टी का इतिहास इस देश के बड़े हिस्से का इतिहास है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में से एक और पहले अध्यक्ष व्योमेश चंद्र बनर्जी की आज जयंती है। इस अवसर पर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उनको श्रद्धांजलि दी है। खरगे ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि हम कांग्रेस आंदोलन शुरू करने में व्योमकेश बनर्जी के योगदान के ऋणी हैं।
प्रथम कांग्रेस अध्यक्ष व्योमेश चंद्र बनर्जी और कांग्रेस
उमेशचंद्र बनर्जी या व्योमेश चंद्र बनर्जी एक वकील थे। उनका जन्म 29 दिसंबर 1844 को कोलकाता के हावड़ा जिले में हुआ था। उमेश चंद्र का करियर 1862 में कलकत्ता सुप्रीम कोर्ट के वकीलों की फर्म डब्ल्यूपी गिलेंडर्स में एक क्लर्क के रूप में शुरू हुआ। इस पद पर रहते हुए, उमेश चंद्र बनर्जी ने कानूनी मामलों का गहनता से ज्ञान लिया। उन्हें चार बार स्थायी वकील के रूप में नियुक्त किया गया था। 1864 में, उन्हें बॉम्बे की आरजे जीजीबाई से छात्रवृत्ति पर इंग्लैंड भेजा गया था। इंग्लैंड जाकर उन्होंने मिडिल टेम्पल में अध्ययन किया और जून 1867 में उन्हें बार काउंसिल में बुलाया गया। कुछ सालों बाद वह कोलकाता लौट आए थे।
दिसंबर 1885 में, एलन ऑक्टेवियन ह्यूम द्वारा प्रस्तावित, व्योमेश बनर्जी ने बॉम्बे में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पहले सत्र का अध्यक्ष पद संभाला। कांग्रेस के पहले सत्र में 72 सदस्यों ने भाग लिया। वह 1893 से 1895 तक बंगाल काउंसिल ऑफ मैनेजर्स के सदस्य भी रहे। 1898 में, उन्होंने इंग्लैंड की लिबरल पार्टी के उम्मीदवार के रूप में ब्रिटिश संसद हाउस ऑफ कॉमन्स चुनाव में भाग लिया। 21 जुलाई 1906 को उनकी मृत्यु हो गई थी।
कांग्रेस के अब तक के अध्यक्ष
व्योमेश चंद्र बनर्जी कांग्रेस पार्टी के पहले चुने हुए अध्यक्ष थे। 1885 में 28 से 31 दिसंबर तक चलने वाली कांग्रेस की 72 लोगों की पहली मीटिंग में उनका चुनाव हुआ था। दादा भाई नौरोजी को कोलकाता अधिवेशन में 1886 में कांग्रेस के दूसरे अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। फिरोज शाह मेहता के बाद 1892 के इलाहाबाद कांग्रेस अधिवेशन में बनर्जी अध्यक्ष थे, लेकिन उन्होंने यहां ये पद छोड़ दिया था।
बता दें कि 1905 तक कांग्रेस के पास ज्यादा लोगों का सपोर्ट नहीं था लेकिन लॉर्ड कर्जन के बंगाल विभाजन की घोषणा के बाद सुरेंद्रनाथ बनर्जी जैसे नेताओं ने इसे स्वदेश से जोड़कर आंदोलन में तब्दील कर दिया। साल 1915 में महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे। 1919 तक पहले विश्व युद्ध के समाप्त होने तक गांधी कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरे थे। 1924 में बेलगाम अधिवेशन में उन्हें पार्टी का अध्यक्ष चुना गया था।
कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष एनी बेसेंट थीं, जबकि पहली भारतीय महिला अध्यक्ष सरोजिनी नायडू थीं। 1951 से 1954 तक जवाहरलाल नेहरू ने कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभाला था। 1959 में उनकी बेटी इंदिरा गांधी पार्टी की अध्यक्ष चुनी गई थीं। वह इस पद पर 1978 से 1984 तक भी काबिज रहीं। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उनके बेटे राजीव गांधी को कांग्रेस पार्टी की कमान मिली थी। राजीव गांधी ने साल 1991 तक अध्यक्ष का पद संभाला।
1992 से 96 तक नरसिम्हा राव और 1996 से 98 तक सीताराम येचुरी ने कांग्रेस प्रमुख की भूमिका निभाई। इसके बाद 1998 में सोनिया गांधी को अध्यक्ष चुना गया था और उन्होंने पार्टी को आगे ले जाने में अहम भूमिका निभाई है। वर्तमान समय में पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बने हुए हैं।