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हरियाणा के अंबाला में तीन विधानसभा सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों को लेकर पेंच फंसता दिख रहा है। उम्मीदवार तय करने के लिए कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी को भी खूब पसीना बहाना पड़ा रहा है। इसी वजह से सभी टिकट के दावेदार समर्थकों के दिल की धड़कन बढ़ी हुई है।

अंबाला: जिले की तीन विधानसभा सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों को लेकर पेंच फंसता दिख रहा है। कांग्रेस की ओर से जारी की गई उम्मीदवारों की पहली सूची में इन सीटों पर उम्मीदवार घोषित नहीं किए गए हैं। यहां उम्मीदवार तय करने के लिए कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी को भी खूब पसीना बहाना पड़ा रहा है। इसी वजह से सभी टिकट के दावेदार समर्थकों के दिल की धड़कन बढ़ी हुई है। पार्टी की ओर से अभी तक केवल नारायणगढ़ विधानसभा सीट से ही मौजूदा विधायक शैली चौधरी को फिर से मैदान में उतारा है।

इन सीटों पर तय नहीं हुए उम्मीदवार

जिले की अंबाला शहर, अंबाला छावनी व मुलाना सुरक्षित सीट पर अभी तक कांग्रेस की ओर से कोई उम्मीदवार तय नहीं हुआ है। वैसे तो तीनों ही सीटों पर टिकट के लिए आवेदन करने वालों की लंबी फौज है। अंबाला शहर से टिकट के लिए 37, अंबाला कैंट से 14 व मुलाना से 56 लोगों ने टिकट के लिए आवेदन किया हुआ है। अंबाला शहर सीट पर पूर्व मंत्री निर्मल सिंह, एडवोकेट रोहित जैन, चेतन चौहान, डिप्टी मेयर राजेश मेहता व हिम्मत में टक्कर दिख रही है। अंबाला कैंट विस सीट पर चित्रा सरवारा, परविंद्र परी व पूर्व डिप्टी मेयर सुधीर जायसवाल में मुकाबला है। मुलाना विधानसभा सीट पर अभी तक कोई मजबूत उम्मीदवार नजर नहीं आ रहा।

नारायणगढ़ से शैली को टिकट

नारायणगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस ने मौजूदा विधायक शैली चौधरी को टिकट दी है। शैली के पति एवं पूर्व सीपीएस रामकिशन गुर्जर इस सीट से विधायक रह चुके हैं। अब कांग्रेस ने दूसरी बार शैली को मैदान में उतारा है। इस सीट से अभी तक भाजपा ने किसी उम्मीदवार को टिकट नहीं दी है। मुख्यमंत्री नायब सैनी की यह पैतृक विधानसभा है। हालांकि सैनी पहले यहां से फिर करनाल से विधायक बन चुके हैं। अब लाड़वा से चुनाव लड़ रहे हैं। कुरुक्षेत्र से भी वे सांसद रह चुके हैं।

कांग्रेस-भाजपा की जमानत हो चुकी जब्त

2019 में हुए विधानसभा चुनाव में अंबाला शहर व अंबाला छावनी सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी जसबीर मलौर और वेणु अग्रवाल की जमानत जब्त हो गई थी। यह पहला मौका था जब कांग्रेस के दोनों उम्मीदवारों को करारी शिकस्त का सामना करते हुए तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा था। अंबाला शहर और अंबाला कैंट विधानसभा सीटों से कांग्रेस के बागी उम्मीदवार पूर्व मंत्री निर्मल सिंह और उनकी बेटी चित्रा सरवारा ने आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और इसी वजह से कांग्रेस उम्मीदवार बुरी तरह हार गए। अंबाला कैंट विधानसभा हलके में कांग्रेस पार्टी ने पांच बार और भाजपा ने 7 बार जीत हासिल की।

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