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Sheetla Mata Temple Fair: अंबाला में आज शीतला माता के मेले का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कड़े प्रबंध किए गए हैं।

Sheetla Mata Temple Fair: अंबाला में आज 18 मार्च मंगलवार को शीतला माता के मेले का आयोजन किया जाएगा। मेले को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। ऐसा कहा जाता है कि अंबाला में लगने वाला यह काफी पुराना व पारंपरिक मेला है। इस मेले का आयोजन हर साल होली के बाद आने वाले मंगलवार के दिन किया जाता है। हर साल इस मेले में लाखों श्रद्धालु आते हैं, अपने घर परिवार की सुख शांति के लिए कामना करते हैं। आज सुबह से ही 

मेले ंमें बच्चों का होता है मुंडन

शीतला माता के मेले का आयोजन आज अंबाला में मुलाना के गांव जागधौली में किया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि यहां आकर श्रद्धालु मन्नत मांगते है कि उनके बच्चे रोगों से दूर और सही सलामत रहें। मन्नत पूरी हो जाने पर श्रद्धालु मिट्टी से बने एक बर्तन कंडेरा को चढ़ाते हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के प्रबंध किए गए हैं। मेले में सुरक्षा व्यवस्था पर सीसीटीवी की मदद से निगरानी की जाएगी।

ऐसा कहा जाता है कि मेले में हरियाणा समेत पंजाब, हिमाचल, उत्तर प्रदेश और अन्य प्रदेशों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु मत्था टेकने आते हैं। श्रद्धालु मेले में बच्चों का पहला मुंडन भी कराते हैं। ऐसी मान्यता है कि यहां आकर मुंडन कराने से बच्चे हमेशा निरोगी रहते हैं। माता शीतला उनका सारे रोग हर लेती है। इसके अलावा नवविवाहित जोड़े भी यहां आकर मत्था टेकते हैं। शीतला माता चेचक, दुर्गंध युक्त फोड़े, नेत्र विकार को हरने वाली देवी है। शीतला माता स्वच्छता की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती है।

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मंदिर की कमेटी दंगल का करती है आयोजन

जागधौली सरपंच पति रणदीप राणा का कहना है कि शीतला माता के मंदिर का हर साल चढ़ावे का ठेका दिया जाता है। इसके लिए ठेकेदार के घर से माता की ज्योति लाई जाती है। इसके बाद शीतला माता को जो पहला भोग लगाया जाता है। वह ठेकेदार के घर के बासी भोजन का ही लगाया जाता है।

मेले की परंपरा प्राचीन समय से चल रही है। इस साल ठेकेदार तिलक राज के घर से आए भोजन का भोग लगाया जाएगा। सरपंच पति रणदीप ने बताया कि माता का पूजन और भोग सोमवार व मंगलवार को आधी रात 12 बजे किया जाएगा। साथ ही मंदिर कमेटी की ओर से दंगल का आयोजन भी किया जाएगा। सरपंच पति रणदीप राणा ने बताया कि यह मेला गांव के लिए किसी उत्सव से कम नहीं होता। इस मेले में सभी गांव वाले शामिल होते हैं। 

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