सुरेन्द्र असीजा, फतेहाबाद: प्रदेश में नरमे की अच्छी क्वालिटी व डिमांड के चलते नरमे के भाव आसमान छू रहे हैं। पिछले कई दशकों से इस बार नरमा 8150 रुपए प्रति क्विंटल से ऊपर बिक रहा है जो बीते वर्ष से 2 हजार रुपए प्रति क्विंटल ज्यादा है। ऐसे में नरमा उत्पादक किसानों की बल्ले-बल्ले हो रही है। बता दें कि इस बार फतेहाबाद में नरमा उत्पादक किसानों के 18 से 20 मन प्रति एकड़ उत्पादन हो रहा है। पिछले 12 सालों में ऐसा पहली बार हो रहा है कि यहां नरमे की अच्छी क्वालिटी की पैदावार निकल रही है।
10 सालों से घाटे में रहे हैं किसान
पिछले करीब 10 सालों से नरमा उत्पादक किसान हमेशा घाटे में रहे हैं। वजह, कभी गुलाबी सुंडी, कभी सफेद मक्खी, कभी बाढ़ तो कभी बारिश की अत्याधिक कमी के कारण नरमे की फसल मर जाती थी। इस कारण नरमे की खेती भट्टू, भूना व नागपुर खंड के किसानों के लिए घाटे का सौदा बनकर रह गई थी। प्रदेश सरकार ने ऐसे किसानों को पिछले कई सालों से लगातार मुआवजा भी दिया है। अब बीमा कम्पनियों ने नरमा से जुड़ी अनेक शर्तें लगा दी, जिस कारण मुआवजा मिलना भी बंद होने के कगार पर है। 2023 में आई भयंकर बाढ़ से यहां नरमे की फसल डूबी तो इस साल भी डरे किसानों ने बिजाई कम की।
1 लाख 13 हजार एकड़ में की बिजाई
बीते वर्ष जिले में 1 लाख 37 हजार 500 एकड़ भूमि में नरमे की बिजाई हुई थी, लेकिन इस साल यह कम होकर 1 लाख 13 हजार एकड़ ही रह गई। हर साल घाटा आने से किसानों का नरमे की फसल से मोह भंग हो गया था। जिस कारण किसानों ने धान की फसल को बढ़ावा दिया। इस बार धान की फसल की जिले में साढ़े 3 लाख एकड़ में बिजाई हुई है। हालांकि प्रदेश सरकार ने भूजल बचाने के लिए फसल चक्र अपनाने वाले किसानों को 7 हजार रुपए प्रति एकड़ सहयोग राशि की स्कीम भी चलाई थी लेकिन किसानों ने धान का मोह नहीं छोड़ा। अब कई दशकों बाद यहां नरमे की क्वालिटी अच्छी आई तो इसके भाव 8150 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गए।
एमएसपी से अधिक दामों पर बिक रहा नरमा
इस साल नरमा एसएसपी से भी ऊंचे दाम पर बिक रहा है। केन्द्र सरकार की नरमा खरीद एजेंसी सीसीआई यहां मण्डी में तभी खरीद करती है, जब नरमा एमएसपी से कम बिक रहा हो। इस साल अभी तक सीसीआई नरमा खरीदने के लिए मण्डी में नहीं आई। इसका एमएसएपी 7421 रुपए प्रति क्विंटल है। बता दें कि यहां नरमे की फसल की बिजाई वही किसान करते हैं जिनके पास अपनी खुद की जमीन का पानी नहीं होता या जमीन बरानी मानी जाती है। फतेहाबाद में भट्टूकलां में सबसे ज्यादा नरमे की खेती होती है। उसके बाद नागपुर व भूना खंड आते हैं।