Fatehabad News: बीते मंगलवार को हरियाणा के भिरडाना गांव के सरपंच प्रतिनिधि जसविंदर सिंह जस्सी और पुलिसकर्मियों के बीच विवाद हो गया था। इसको लेकर फतेहाबाद शहर में 150 से अधिक गांवों के सरपंचों और लोगों नें लघु सचिवालय का घेराव किया। ऐसे में पुलिस ने बैरिकेड लगाकर लोगों को रोकने की कोशिश की।

इस दौरान पुलिसकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। इसके बाद सभी लोग लघु सचिवालय गेट के बाहर ही बैठकर प्रदर्शन करने लगे। बता दें कि यह विरोध रतिया विधानसभा क्षेत्र के सबसे बड़े गांव भिरड़ाना के सरपंच के साथ पुलिसकर्मियों की द्वारा मारपीट के विवाद को लेकर किया जा रहा है।

प्रदर्शनकारियों ने रखी अपनी मांगे

गेट के बाहर बैठकर सरपंचों ने जमकर प्रदर्शन किया, जिसके बाद एसपी ने प्रतिनिधिमंडल के 10 सद को अपने कार्यालय में बुलाया। प्रतिनिधिमंडल के सरपंचों ने एसपी के सामने अपनी मांगें रखीं और पूरी चौकी को सस्पेंड करने के लिए कहा। इसके बाद एसपी आस्था मोदी ने खुद प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच जाकर उन्हें दो दिन में कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद सरपंचों ने सहमति नहीं जताई और हंगामा शुरू कर दिया। उनकी मांग है कि आज ही पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इस दौरान एसपी ने 3 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया।

एक दिन पहले चालान को लेकर हुआ था विवाद

दरअसल, बीते दिन मंगलवार को भिरड़ाना गांव के सरपंच प्रतिनिधि जसविंद्र जस्सी और पुलिस के बीच में विवाद हो गया था। जसविंदर जस्सी अपनी नई स्कॉरपियो से फतेहाबाद में बीडीपीओ कार्यालय जा रहे थे। इस दौरान चालान काटने को लेकर पुलिसकर्मियों से उनका विवाद हो गया। इसके बाद पुलिस सरपंच प्रतिनिधि का गाड़ी सहित उन्हें हुडा चौकी ले गई। उनका आरोप है कि चौकी में पुलिस कर्मियों ने उनकी और उनके साथियों की जानवरों की तरह पिटाई की। इसकी सूचना पाकर कई गांवों के सरपंचों जसविंदर जस्सी के समर्थन में हुड्डा चौकी में पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया। सरपंचों ने जसविंद्र जस्सी को अस्पताल में दाखिल करवाया गया।

निष्पक्ष जांच की मांग

इस मामले को लेकर सरपंचों का कहना है कि जिस तरह पुलिस ने सरपंच प्रतिनिधि जसविंदर जस्सी के साथ बर्बरता करके मारपीट की है, वह सरासर गुंडागर्दी है। उन्होंने कहा कि अगर जस्सी ने पुलिस टीम के साथ बदतमीजी भी की, तो पुलिस को कोई इस तरह से मारपीट करने का अधिकार नहीं है। सरपंचों ने कहा कि हुडा चौकी को बर्खास्त किया जाए। साथ ही हुडा चौकी में जो भी हुआ, उसको लेकर निष्पक्ष जांच करवाई जाए।

इतना ही नहीं, सरपंचों ने मांग रखी है कि हुडा चौकी के सभी कर्मचारी सार्वजनिक रूप से लोगों के बीच आकर माफी मांगें। सरपंचों की मांगों को सुनने के बाद एसपी ने उन्हें दो दिन के अंदर जांच करके कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। एसपी के आश्वासन के बाद ग्रामीणों और सरपंचों ने अपना धरना खत्म किया।

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