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हरियाणा के जींद जिले के सफीदों के सुमित ने अमेरिका जाने के लिए 50 लाख रुपये में एजेंटों से सौदा किया था। पांच महीने तक 10 से ज्यादा देशों में धक्के खाने के बाद वह अमेरिका पहुंचा तो उसे तुरंत पकड़कर डिपोर्ट कर दिया गया। अब उसने वापस आकर छह एजेंटों के खिलाफ केस दर्ज करवाया है।

donkey and deport : अमेरिका से डिपोर्ट होकर आए जींद के सफीदों के युवक ने छह एजेंटों के खिलाफ केस दर्ज करवाया है। इन एजेंटों ने अवैध तरीके से युवक को अमेरिका भेजा था। युवक पांच महीने तक अपनी जान पर खेलकर 10 देशों से होता हुआ पनामा के जंगलों से गुजरा। इसके बाद अमेरिका पहुंचा तो मात्र 12 दिन बाद ही अमेरिका सेना से उसे डिपोर्ट कर भारत वापस भेज दिया। युवक ने बताया कि उससे 50 लाख रुपये इन एजेंटों ने हड़प लिए और उसे शारीरिक व मानसिक यातना भी झेलनी पड़ी। 

अक्टूबर में शुरू हुई दर्द भरी यात्रा 

पुलिस को दी शिकायत में सफीदों के सुमित ने बताया कि 2024 में उसकी पहचान पानीपत के कुराना गांव के जितेंद्र और उसके साथियों से हुई थी। आरोपियों ने उसे 50 लाख रुपये में अमेरिका भेजने का वादा किया। सुमित ने आरोपियों के कहने पर 2 अक्टूबर 2024 को दिल्ली से यात्रा शुरू की और पहले एम्स्टर्डम फिर पोर्ट ऑफ स्पेन होते हुए वह कोलंबिया और ब्राजील पहुंचा।

इन देशों से होते हुए पहुंचा अमेरिका

यहां से उसकी यात्रा पेरू, ग्यालिनिया, थापालुच्चा होते हुए मैक्सिको तक पहुंची, जहां 20 दिन तक उसे रखा गया। इसके बाद उसे फ्लाइट से कैलिफोर्निया भेजा गया और फिर वह टैक्सी के जरिए केजवाना पहुंचा, जो अमेरिका और मैक्सिको का बॉर्डर है। 8 फरवरी 2025 को उसे अमेरिका की दीवार पार करवाई गई, लेकिन अमेरिकी सीमा पुलिस ने उसे पकड़ लिया और कैलिफोर्निया स्थित सेंटियागो चौकी ले जाया गया।

हथकड़ी और बेड़ियां पहनाकर ले जाया गया

सुमित ने बताया कि बाद में उसे डिपोर्ट कर दिया गया और 14 फरवरी को उसे हथकड़ी और बेड़ियां पहनाकर पनामा के एक होटल में नजरबंद किया गया। होटल में करीब 229 लोग बंद थे, जिनमें से अधिकांश भारतीय नागरिक थे। यहां एक सप्ताह तक उसे चावल दिया गया और फिर उसे तुर्की के इंस्ताबुल होते हुए दिल्ली भेज दिया गया।

होटल में 50 और भारतीय नजरबंद थे

सुमित ने बताया कि पनामा के होटल में अभी भी 50 से अधिक युवक नजरबंद हैं और इनकी वापसी के लिए भारतीय एम्बेसी द्वारा व्हाइट पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया जारी है। इस पूरे मामले में पुलिस ने जितेंद्र, मनप्रीत, गुरमीत कौर, अनिल, सुनील और प्रवीण दत्ता के खिलाफ धोखाधड़ी और इमिग्रेशन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।

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