फिर टला अविश्वास प्रस्ताव : जींद जिला परिषद अध्यक्ष मनीषा रंधावा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर तीसरी बार भी डीसी की वजह से बैठक नहीं हो सकी। पूर्व में 13 दिसंबर तथा 22 जनवरी को डीसी के अचानक बीमार होने की वजह से बैठक स्थगित हो चुकी है। मंगलवार को फिर अचानक डीसी को चंडीगढ़ मुख्य सचिव द्वारा बुलाई मीटिंग के लिए जाना पड़ा। इस वजह से लगातार तीसरी बार चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग नहीं हो सकी। चेयरपर्सन प्रतिनिधि कुलदीप रंधावा की अर्जी पर हाईकोर्ट के आदेश पर तीसरी बार 11 फरवरी की तारीख निर्धारित की गई थी।  अब इस पर गुरुवार को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। बता दें कि भाजपा समर्थक पार्षद रंधावा को कुर्सी से हटाना चाहते हैं। हालांकि रंधावा खुद अब भाजपा में है और बहुमत का दावा कर रही हैं। उन्हें कुर्सी बचाने के लिए 9 पार्षद चाहिए और उनका दावा 13 के समर्थन का है।

25 में से 18 ने की थी खिलाफत

गत दो दिसंबर को 25 सदस्यों वाली जिला परिषदजिला परिषद में 18 जिला पार्षदों ने जिप अध्यक्षा मनीषा रंधावा के खिलाफ शपथ पत्र सौंपे थे। कुर्सी पर खतरा मंडराता देख मनीषा रंधावा ने भाजपा का दामन थामने का दावा किया था। जिला भाजपा कैडर ने मनीषा रंधावा की सदस्यता पर सवाल खड़ा कर दिया था। भाजपा कैडर अब भी अपने दावे पर कायम है। विपक्षी खेमा रणनीति को बदलते हुए पूर्व में भाजपा समर्थित रही महिला पार्षद पर दांव खेल रहा है।

जजपा के समर्थन से भाजपा समर्थक को हरा जीती थीं
जींद जिला परिषद की अध्यक्ष मनीषा रंधावा ने बहुमत का जताया दावा। manisha randhawa

लगभग दो साल पहले भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार मे डिप्टी सीएम रहे दुष्यंत चौटाला के आशीर्वाद से मनीषा रंधावा जिला परिषद अध्यक्षा बनी थीं। जिन्होंने भाजपा समर्थक को एक मत से हराया था। विस चुनाव से पहले जजपा-भाजपा का गठबंधन टूट चूका था। मनीषा रंधावा ने विस चुनाव के दौरान कांग्रेस का दामन थाम लिया था। बहुमत के साथ भाजपा सरकार बनने तथा पार्षदों के रुख को देख मनीषा रंधावा ने भाजपा की ऑनलाइन सदस्यता का दावा किया था, जिसे भाजपा कैडर ने नकार दिया था।

विस डिप्टी स्पीकर से मिल चुका विरोधा खेमा

जिप अध्यक्षा के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पार्षदों को भाजपा का सहारा है। पिछले दिनों असुंतष्ट पार्षदों ने विस डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्ण लाल मिड्ढा तथा जिला भाजपा अध्यक्ष से मुलाकात की थी। उस दौरान भी असंतुष्ट पार्षदों के पास आंकडा पूरा नहीं था। इसके बाद फिर उसी महिला पार्षद पर दांव खेलने का निर्णय लिया गया, जिसे दो साल पहले भाजपा ने प्रत्याशी बनाया था। माना जा रहा है कि अगर बैठक होती है तो कुछ पार्षद नदारद भी रह सकते हैं, जो रणनीति का हिस्सा होगा। 

9 नहीं मेरे पास 13 पार्षदों का समर्थन : रंधावा

जिप अध्यक्षा मनीषा रंधावा ने बताया कि उनके पास बहुमत से ज्यादा पार्षद हैं। उन्हें नौ पार्षदों की जरूरत है, लेकिन उनके पास 13 पार्षद हैं। उनकी कुर्सी को कोई खतरा नहीं है। बशर्ते अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक होनी चाहिए।