भ्रष्टाचार में एसडीएम और एसीबी आमने-सामने : करनाल के घरौंडा में भ्रष्टाचार के मामले की जांच में एसडीएम और एंटी करप्शन ब्यूरो आमने-सामने आ गए हैं। एसडीएम ने आरोप लगाया है कि एसीबी के दो अधिकारी उन पर एक फाइल पर जबरन साइन करने का दबाव बना रहे हैं। जालसाजी के मुकदमे में फंसाने की धमकी दे रहे हैं। कहा जा रहा है कि साइन कर देगा तो ठीक, वर्ना...। उधर, एसीबी के एसपी ने इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि जांच में सब सामने आ जाएगा।
डीसी ने मुख्य सचिव को भेजी शिकायत
एसडीएम ने पूरे दो पेज की शिकायत डीसी को भेजी है। इस शिकायत को डीसी ने मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी के पास भेज दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए करनाल के मंडलायुक्त राजीव रत्न को जांच सौंपी गई। मंडलायुक्त ने एसपी को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेजा है।
एडीएम का रीडर रिश्वत लेते पकड़ा गया था
31 दिसंबर को एसीबी ने घरौंडा एसडीएम के रीडर अशोक कुमार को 4 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था। आरोपी ने पैरोल आदेश की कॉपी देने के बदले रिश्वत मांगी थी। टीम ने आरोपी से 3 हजार रुपए बरामद किए थे, जबकि 1 हजार रुपए छुपा दिए थे। आरोपी अशोक कुमार कैथल जिले का रहने वाला है। इसी मामले की जांच एसीबी के इंस्पेक्टर सीमा को सौंपी गई थी। उन्होंने एसडीएम के भी बयान दर्ज करने के साथ फाइल पर भी साइन करने को कहा। इसी के बाद यह विवाद शुरू हुआ।
एसपी पर भी लगाए दबाव डालने के आरोप
शिकायत में एसडीएम घरौंडा ने कहा कि वह हर प्रकार की जांच के लिए तैयार हैं, लेकिन एसीबी के एसपी वीरेंद्र सिंह और इंस्पेक्टर सीमा उन पर फाइल पर साइन करने के लिए दबाव बना रहे हैं। बार-बार उनके स्टाफ को 120बी की धारा के तहत फंसाने के लिए डराया जा रहा है। इतना ही नहीं खुद एसीबी के एसपी ने फोन करके फाइल पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव बनाया। जब उन्होंने साइन करने से मना किया तो एसपी ने उनको कहा कि साइन कर देगा तो ठीक रहेगा। डराने की कोशिश की जा रही है। दो पेज की शिकायत में एसडीएम ने पूरे घटनाक्रम का ब्योरा दिया है, साथ ही न्याय की गुहार लगाई है।
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