Donkey Route Scam: हरियाणा के युवकों को झांसा देकर अवैध तरीके से अमेरिका भेजने वाले एजेंटों के खिलाफ पुलिस ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। डंकी रूट से अमेरिका गए करनाल के आकाश और सुमित की शिकायत पर पुलिस 3 एजेंटों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है। बता दें कि इन एजेंटों के खिलाफ फ्रॉड और इमिग्रेशन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। ट्रंप के आदेश पर 5 फरवरी को अमेरिका से 104 भारतीयों को अमेरिकी एयरफोर्स की जहाज में वापस भारत डिपोर्ट किया गया। 

इन भारतीयों को हाथ-पैर में हथकड़ी और बेड़ियां लगाकर पंजाब के अमृतसर एयरपोर्ट पर उतारा गया। इसमें हरियाणा के 33 लोग शामिल हैं। आकाश और सुमित भी उन्हीं 33 लोगों में से हैं। बताया जा रहा है कि डिपोर्ट हुए हरियाणा के इन लोगों से एजेंटों ने करीब 15 करोड़ की ठगी की है। इसके अलावा पंजाब के अमृतसर में डिपोर्ट हुए दिलेर सिंह ने सतनाम सिंह नाम के एजेंट के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। बता दें कि यह मामला अमृतसर जिले के राजा सांसी थाने में दर्ज किया गया है।

आकाश के भाई ने सुनाई आपबीती

करनाल जिले के कालरम गांव के रहने वाले आकाश के भाई शुभम ने इस मामले की पूरी कहानी बताई। शुभम ने बताया कि उसका छोटा भाई आकाश दिल्ली घूमने के लिए गया था, जहां पर संदीप नाम के युवक से आकाश की मुलाकात हुई। संदीप ने उसे एजेंट रॉकी का नंबर दिया, जो कि जालंधर का रहने है। रॉकी ने आकाश को अमेरिका भेजने के लिए 42.50 लाख रुपए की मांग की।

शुभम ने आगे बताया कि उन्होंने रॉकी को 4 अलग-अलग किस्तों में पैसे दिए। इसके बाद रॉकी ने आकाश को डंकी रूट के जरिए गलत तरीके से अमेरिका भेज दिया। आकाश ने बताया कि 25 जनवरी को जैसे ही वह अमेरिका में पहुंचा, उसे अमेरिकी आर्मी ने हिरासत में ले लिया। जिसके बाद 5 फरवरी को भारत डिपोर्ट कर दिया गया।

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पुलिस ने दर्ज किया मामला

आकाश ने जानकारी देते हुए बताया कि एजेंट ने उसे 7 महीने में अमेरिका पहुंचाया था, जिसके लिए उसे पहले अलग-अलग कई देशों में भेजा गया था। उसने बताया कि जैसे ही वह अमेरिका की सीमा पार गया, उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। जानकारी के मुताबिक, शुभम ने मधुबन थाने में एजेंट रॉकी और उसके साथी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने आईपीसी की धारा 406, 420 और इमिग्रेशन एक्ट की धारा 24 के तहत व मामला दर्ज कर लिया है। जांच अधिकारी लछमन सिंह ने कहा कि जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।

डिपोर्ट हुए सुमित ने एजेंट के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत

इसके अलावा सुमित ने बताया कि बेरोजगारी से परेशान होकर उसने अमेरिका जाने का फैसला किया था। इसके बाद विक्रम सिंह ने उसे प्रदीप राणा नाम के व्यक्ति से मिलवाया, जिसने सुमित को अमेरिका भेजने के लिए 40 लाख रुपए की मांग की। सुमित ने जानकारी देते हुए बताया कि एजेंट को उसने 8 लाख रुपए नगद दिया और साथ ही 1.5 एकड़ जमीन का बयाना एजेंट के नाम कर दिया। इसके बाद एजेंट ने सुमित को अवैध तरीके से अमेरिका भेजा।

सुमित अमेरिका की सीमा दाखिल तो हो गया, लेकिन उसी दिन अमेरिकी आर्मी ने गिरफ्तार कर लिया। अमेरिकी एयरफोर्स के जहाज से सुमित को भी 5 फरवरी को डिपोर्ट कर दिया। सुमित ने जानकारी देते हुए बताया कि उसने असंध थाने में विक्रम और प्रदीप के खिलाफ केस दर्ज करवाया है। पुलिस ने आरोपियों के ऊपर धारा 316(2), 318(4) और इमिग्रेशन एक्ट 24 के तहत केस दर्ज कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है।

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