Jind: आंगनबाड़ी केंद्रों से संबंधित सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने व कार्य को आसान बनाने के लिए आंगनवाड़ी वर्कर्स को पोषण ट्रैकर एप के उपयोग को लेकर लघु सचिवालय सभागार में वीसी के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया। पोषण ट्रैकर एप का प्रशिक्षण मिलने के बाद आंगनबाड़ी वर्कर्स के लिए काम करना आसान हो जाएगा, जिससे वह इस कार्य को कम समय में कर सकेंगी।
लाभार्थियों का विवरण ऑनलाइन करने का लिया प्रशिक्षण
आईसीडीएस के प्रशिक्षक ने आईसीडीएस द्वारा आंगनवाड़ी वर्कर्स को दिए गए मोबाइल पर पोषण कार्यक्रम लॉगिन कर विस्तार से जानकारी दी गई। उन्हें गर्भवती महिलाएं, छह माह से उपर के बच्चों, तीन से छह आयु वर्ष के बच्चों तथा किशोरियों के लिए संचालित पोषण कार्यक्रम के तहत लाभार्थियों का विवरण पोषण ट्रैकर एप पर ऑनलाइन करने के बारे में जानकारी दी।
पहले दस्तावेजों में दर्ज करते थे विवरण, अब करेंगे ऑनलाइन
गौरतलब है कि पहले यह कार्य दस्तावेजों में होता था। इसके बाद इसको एप पर अपलोड किया जाता था। अधिकतर वर्कर को इस कार्य की जानकारी नहीं थी। महिला एवं बाल विकास विभाग अधिकारी सुलोचना कुंडू ने बताया कि आईसीडीएस से संबंधित सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार व आंगनबाड़ी केंद्रों के कार्य को प्रभावी बनाने के लिए विभागीय स्तर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। ट्रैकर नाम के इस एप के उपयोग से आंगनबाड़ी केंद्रों का मूल्याकंन व निगरानी आसान हो गई है। अब दस्तावेजों में दर्ज करने की बजाय सीधे एप पर विवरण अपलोड किया जाएगा।
पोषण कार्यक्रम के लाभार्थियों की जानकारी अपलोड करने का दिया प्रशिक्षण
आंगनवाड़ी वर्कर्स को वीसी में बताया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा विकसित, पोषण ट्रैकर एप आंगनबाड़ी केंद्र, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और लाभार्थी की वास्तविक समय की निगरानी और ट्रैकिंग को सक्षम बनाता है। यह सरकारी एप गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं, बच्चों, किशोर लड़कियों और किशोर लड़कों के लिए, आंगनबाड़ी केंद्रों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और संपूर्ण लाभार्थी प्रबंधन की गतिविधियों का दृश्य प्रदान करता है। सेविकाओं को आंगनबाड़ी केंद्रों पर चलाए जा रहे पोषण कार्यक्रम के लाभार्थियों से संबंधित जानकारी को पोषण ट्रैकर एप पर अपलोड करने का प्रशिक्षण दिया।