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नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने भाजपा को घेरते हुए कहा कि प्रदेश में शिक्षण संस्थाओं की हालत पर आई ताजा रिपोर्ट ने बीजेपी के शिक्षा विरोधी चेहरे को बेनकाब कर दिया। रिपोर्ट में पता चला कि प्रदेश के स्कूलों में 26000 से ज्यादा टीचर्स तो कॉलेज में 4738 सहायक प्रोफेसर्स के पद खाली पड़े हैं।

Haryana: पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने भाजपा को घेरते हुए कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, कानून व्यवस्था, बिजली, पानी व कल्याणकारी योजनाएं कभी बीजेपी की प्राथमिकताएं नहीं रहे। प्रदेश में शिक्षण संस्थाओं की हालत पर आई ताजा रिपोर्ट ने बीजेपी के शिक्षा विरोधी चेहरे को बेनकाब कर दिया। रिपोर्ट में पता चला कि प्रदेश के स्कूलों में 26000 से ज्यादा टीचर्स तो कॉलेज में 4738 सहायक प्रोफेसर्स के पद खाली पड़े हैं। कोई नया स्कूल व कॉलेज स्थापित करना तो दूर, सरकार पहले से स्थापित संस्थानों में अध्यापक व अन्य स्टाफ तक मुहैया नहीं करवा पाई। हाई कोर्ट द्वारा फटकार लगाई जाने के बावजूद सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए कोई कदम नहीं उठाए।

ड्रॉप आउट बच्चों की लगातार बढ़ रही संख्या

भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकारी स्कूलों में ड्रॉप आउट विद्यार्थियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सिर्फ एक साल के भीतर 4,64,000 विद्यार्थियों ने सरकारी स्कूल छोड़ दिए। कॉलेजों में भी करीब 1 लाख यूजी तो 19,000 पीजी की सीटें खाली पड़ी हुई हैं। यह आंकड़े चीख-चीख कर गवाही दे रहे हैं कि सरकार युवाओं को शिक्षा की बजाए नशे, अपराध और पलायन के रास्ते पर धकेल रही है। मौजूदा सरकार की शिक्षा नीति युवाओं में सुरक्षित भविष्य की उम्मीद नहीं जगा पा रही। सरकार अपने कार्यकाल में लगभग 5000 स्कूलों को मर्जर के नाम पर बंद कर चुकी है। ऐसा लगता है कि अब बारी कॉलेज और विश्वविद्यालयों की है।

स्कूल कॉलेजों को बंद कर शिक्षा का किया जा रहा बंटाधार

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने मंच से ऐलान करते हुए कहा कि भाजपा स्कूलों को बंद करके वहां कोई और काम शुरू करना चाहती है, लेकिन ऐसा होने नहीं दिया जाएगा। भाजपा ने वर्षों की मेहनत, लोगों की गाढ़ी कमाई के टैक्स, गांवों के दान व तमाम सरकारों के प्रयासों से स्थापित शिक्षण संस्थाओं को बंद कर शिक्षा का बंटाधार करने का प्रयास किया है, जिसे सहन नहीं किया जाएगा। इन स्कूलों ने हरियाणा के भविष्य को दिशा देने वाले विद्यार्थी तराशे हैं। जनता शिक्षा के मंदिरों पर ताले लगाने की मंशा रखने वाली मानसिकता को बर्दाश्त नहीं करेगी।

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