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दिल्ली मेट्रो अब एनसीआर की भी लाइफलाइन बन चुकी है। मेट्रो के यात्रियों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। जिसके चलते कोविड काल में हुए नुकसान से भी डीएमआरसी उभर चुकी है।

Bahadurgarh: सार्वजनिक परिवहन के रूप में देश की राजधानी को सुविधाजनक सफर उपलब्ध करवाने के साथ ही दिल्ली मेट्रो अब एनसीआर की भी लाइफलाइन बन चुकी है। मेट्रो के यात्रियों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। जिसके चलते कोविड काल में हुए नुकसान से भी डीएमआरसी उभर चुकी है। दरअसल, 2019-20 में मेट्रो को परिचालन से 3897.29 करोड़ रुपए की आमदनी हुई थी। कोरोना काल के दौरान 2020-21 में यह आय घटकर 876.98 करोड़ रुपए रह गई थी। हालांकि 2021-22 में यह 1975.99 करोड़ और 2022-23 में 3633.18 करोड़ रुपए पहुंच गई है।

दो दशक में दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क बढ़कर हुआ 392 किलोमीटर

महज दो दशक में दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क बढ़ृकर 392 किलोमीटर हो चुका है। दिल्ली मेट्रो में प्रत्येक कार्यदिवस पर 67 लाख यात्री सफर करते हैं। आंकड़ों की बात करें तो 4 सितंबर 2023 को 71 लाख से अधिक यात्रियों ने दिल्ली मेट्रो में सफर किया। यात्रियों की संख्या बढ़ने से डीएमआरसी की आय में भी इजाफा हुआ है। यही कारण है कि कोविड के कारण हुए नुकसान से भी दिल्ली मेट्रो उभर चुकी है। 2019-20 में मेट्रो की कुल आमदनी 7014.69 करोड़ और कुल खर्च 4911.97 करोड़ रुपए था। जबकि 2020-21 में डीएमआरसी की कुल आय 3289.20 करोड़ और कुल खर्च 3945.39 करोड़ रुपए था। वहीं 2021-22 में 4677.01 करोड़ की कुल कमाई के मुकाबले मेट्रो ने कुल 5108.05 करोड़ रुपए खर्च किए। हालांकि 2022-23 में मेट्रो को कुल 6645.06 करोड़ रुपए आमदनी हुई और 5833.81 रुपए कुल खर्च हुए। अब दिल्ली मेट्रो के 29 स्टेशनों और ग्रीन लाइन पर 29.65 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर 23 स्टेशनों का संचालन निजी कंपनियां संभालेंगी।

मेट्रो का नेटवर्क 65 किलोमीटर बढ़ेगा

दिल्ली मेट्रो के फेज-4 में शामिल 6 मेट्रो कॉरिडोर में तीन का निर्माण चल रहा है। इनकी लंबाई करीब 65 किलोमीटर है। मैजेंटा लाइन पर 28.92 किलोमीटर लंबाई में जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम मार्ग का खंड जुलाई-2024 तक चालू होने की उम्मीद है। इसके अलावा 12.55 किलोमीटर लंबी मजलिस पार्क-मौजपुर और 23.62 किलोमीटर लंबी एयरोसिटी-तुगलकाबाद लाइन पर भी तेजी से काम चल रहा है। जबकि तीन अन्य कॉरिडोर रिठाला-नरेला, इंद्रप्रस्थ-इंद्रलोक और लाजपत नगर-साकेत जी ब्लाक को लेकर स्वीकृति मिलनी शेष है।

ग्रीन लाइन भी निजी हाथों में

डीएमआरसी ने मेट्रो के परिचालन की जिम्मेदारी तेजी से निजी हाथों में सौंपने की गति तेज कर दी है। वर्तमान में सिर्फ येलो लाइन पर मेट्रो परिचालन की जिम्मेदारी निजी कंपनी के हाथ में है। वायलेट लाइन के बाद अब दिल्ली मेट्रो के सबसे पुराने कारिडोर रेड लाइन और ग्रीन लाइन पर मेट्रो परिचालन की जिम्मेदारी निजी हाथों में देने के लिए टेंडर निकाला है। रेड लाइन के लिए 221 चालक, 7 ट्रेन अधीक्षक व एक ट्रेन प्रबंधक तैनात होंगे। ग्रीन लाइन की मेट्रो में 143 चालक, 7 ट्रेन अधीक्षक व एक ट्रेन प्रबंधन नियुक्त करेगी।

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