दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी की हार के बाद से हरियाणा और पंजाब की राजनीति भी उफान पर है। पंजाब के सीएम भगवंत मान ने जहां कांग्रेस पर झूठ की राजनीति करने का आरोप लगाया है, वहीं इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने भी सवाल उठाए हैं। इनेलो नेता ने तो दिल्ली चुनाव को लेकर कांग्रेस की भूमिका को पूरी तरह से संदिग्ध बता दिया है।
मीडिया से बातचीत में इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भाजपा के खिलाफ इंडिया गठबंधन हुआ था, लेकिन लोगों को अब इस गठबंधन से विश्वास उठ चुका है। उन्होंने कहा कि दिल्ली चुनाव में कांग्रेस की भूमिका सबसे अधिक संदिग्ध है। चौटाला ने सवाल पूछा कि अगर कांग्रेस सही मायने में भाजपा को सत्ता से बाहर रखना चाहती थी तो उसे समझौते के अनुसार चुनाव लड़ना चाहिए था। उन्होंने कांग्रेस पर भाजपा को कहीं न कहीं बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
#WATCH चंडीगढ़: INLD नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा, "लोगों का INDIA गठबंधन से विश्वास उठ चुका है। इस (दिल्ली विधानसभा) चुनाव में कांग्रेस की भूमिका सबसे अधिक संदिग्ध है। अगर कांग्रेस को भाजपा को सत्ता से बाहर रखना था तो उसे समझौते के अनुसार चुनाव लड़ना चाहिए था, लेकिन कहीं न कहीं… pic.twitter.com/kzmRcCl5MU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 11, 2025
भगवंत मान ने भी कांग्रेस को घेरा
इससे पूर्व पंजाब के सीएम भगवंत मान ने भी पंजाब कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा के आरोपों पर भी पलटवार किया। बाजवा ने कहा था कि आम आदमी पार्टी के 30 विधायक कांग्रेस के समर्थन में हैं। आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल से मुलाकात के बाद भगवंत मान ने बाजवा के आरोपों पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी के विधायक एकजुट हैं और जनता के लिए किए सभी वादों को पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कुर्सी हासिल करने के लिए झूठ बोल रही है, जिसे जनता किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी। यहां क्लिक कर पढ़िये केजरीवाल और भगवंत मान के बीच बैठक में क्या हुआ...
नायक से खलनायक बनने की कहानी
दिल्ली चुनाव में बीजेपी को 48 और आप को 22 सीटें मिली। कांग्रेस की बात करें तो एक भी सीट नहीं मिली। बावजूद इसके कांग्रेस को नायक की तरह पेश किया जा रहा था। विशेषकर नई दिल्ली विधानसभा सीट में जिस तरह से अरविंद केजरीवाल हारे थे, उससे पूरी आम आदमी पार्टी बैकफुट पर नजर आई थी। नतीजे आने के बाद कांग्रेस ने भी खुलकर ऐलान कर दिया था कि आगे भी सहयोगी दलों की ओर से अनावश्यक दबाव नहीं झेला जाएगा। लेकिन, आप और इनेलो ने जिस तरह से कांग्रेस को घेरने का प्रयास किया है, उसके मद्देनजर कांग्रेस को फिर से दबाव डालने का प्रयास है।
बहरहाल यह अलग बात है कि आप इंडिया गठबंधन की सहयोगी दल रही है, लेकिन इनेलो इंडिया गठबंधन का हिस्सा नहीं है। ऐसे में यह देखना होगा कि इंडिया गठबंधन के सहयोगी दल कांग्रेस के नए अवतार पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।
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