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हरियाणा में 6 एक्टिव मरीज मिलने के साथ कोरोना की एंट्री हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में 87 संदिग्धों की पहचान की है तथा 19 की रिपोर्ट का इंतजार है। प्रतिदिन दो हजार सैंपल लिए जा रहे हैं। राहत की बात यह है कि अभी तक किसी भी मरीज में वैरिएंट जेएन-1 की पुष्टि नहीं हुई है। 27 को डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे।

Chandigarh: हरियाणा में सोमवार को कोरोना की एंट्री से अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है। प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना के बढ़ते केसों को देखते हुए जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्टिंग की रोहतक लैब में तैयारी शुरू कर दी है। स्वास्थ्य महानिदेशक रणदीप पूनिया ने सभी जिलोें को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश देने के साथ सर्दी-खांसी या जुखाम वाले मरीजों के आरटीपीसीआर टेस्ट करने की हिदायत दी है। 

वीसी से होगी अधिकारियों के साथ बैठक

स्वास्थ्य निदेशालय ने हालात का जायजा लेने के लिए सभी जिले के अधिकारियों के साथ वीसी से बैठक करने की तैयारी शुरू कर दी है। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज भी तैयारियों पर नजर बनाए हुए हैं तथा अधिकारियों को कोविड को लेकर सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। 

छह एक्टिव व 87 संदिग्ध व 19 की रिपोर्ट का इंतजार
 प्रदेश स्वास्थ्य विभाग कोरोना से निपटने के लिए प्रतिदिन दो हजार सैंपल ले रहा है। अब भी तक प्रदेश में 6 एक्टिव मरीज मिले हैं। 87 संदिग्धों की पहचान की गई है तथा 19 की रिपोर्ट का इंतजार है। राहत की बात यह है कि अभी तक एक्टिव मरीजों में नए वैरिएंट जेएन-1 की पुष्टि नहीं हुई है। जिनकी रिपोर्ट दिल्ली भेजी गई है, जिसके मंगलवार को आने की संभावना है। स्वास्थ्य विभाग ने खुद को किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम बताया है। 

कोरोना-19 को नोटिफाइड करने की मांग 
सरकार के आदेश पर विभाग ने तय किया है कि इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (SARI) के मरीजों का आरटीपीसीआर टेस्ट किया जाएगा। बैठक में ऐसे केसों में आरटीपीसीआर टेस्ट अनिवार्य करने का सुझाव दिया। स्वास्थ्य मंत्री विज का कहना है कि कोविड-19 को नोटिफाई बीमारी घोषित करना चाहिए, ताकि निजी अस्पतालों में कोई केस आए तो वह सीएमओ व सरकारी अस्पतालों को जानकारियां दें।

27 दिसंबर को फिर काम छोड़ की तैयारी में डाक्टर

हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. राजेश ख्यालिया व मीडिया कोर्डिनेटर डॉ. अमरजीत सिंह चौहान ने बताया कि अपनी मांगों को लेकर डाक्टरों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने मांगें पूरी करने की सहमति दी थी, परंतु अभी तक पूरी नहीं हुई। जिससे मांगों को लेकर 27 को एक बार फिर से काम छोड़ हड़ताल की जाएगी। 27 को केवल इमरजेंसी मरीजों को देखा जाएगा। जिससे सरकार को अवगत करवाया जा चुका है।  27 दिसंबर को ओपीडी बंद रहेगी और  इमरजेंसी सेवाएं जारी रहेंगी। फिर भी सुनवाई नहीं  हुई तो   29 दिसंबर को कामकाज पूर्ण रूप से बंद किया जाएगा तथा इमरजेंसी सेवाएं भी पूरी तरह से बंद रहेंगी। 27 दिसंबर को ओपीडी बंद रहेगी।  

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