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हरियाणा के फतेहाबाद में 114 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। गत वर्ष की बाढ़ से सबक लेकर प्रशासन अंडरपास बनवा रहा है। साथ ही जिले में 3 कंट्रोल रूम भी बनाए गए है।

Fatehabad: पिछले साल शिवालिक की पहाड़ियों में हुई तेज बरसात से यहां से गुजर रही घग्घर नदी में बाढ़ आने से फतेहाबाद जिले के 120 गांव व ढाणियां डूब गई थी। पानी के कारण करीब एक लाख एकड़ में खड़ी फसल खराब हो गई थी। दरअसल 15 जुलाई 2023 को जाखल का चांदपुरा हैड ओवरफ्लो हुआ तो शक्करपुरा से गुजर रहा रंगोई नाला भी टूट गया। परिणाम यह हुआ कि बाढ़ का पानी बड़ी रफ्तार से चिम्मो, रतिया होते हुए फतेहाबाद शहर के बाईपास तक पहुंच गया। पिछले साल जैसी प्राकृतिक आपदा से सबक लेते हुए जिला प्रशासन ने रतिया मार्ग पर पहले कच्चे मार्ग पर और अब पक्के अंडरपास बना दिए है। कईयों का निर्माण कार्य जारी है ताकि एक दिशा का पानी सड़क की दूसरी तरफ जा सके।

उपायुक्त ने निर्माणाधीन पुल का किया निरीक्षण

जिला उपायुक्त राहुल नरवाल ने अयाल्की, रतिया-बुढ़लाढा रोड पर बने पुल, घासवा हैड, चिम्मो साइफन, शक्करपूरा रंगोई नाला, चांदपुरा साइफन, चांदपुरा बांध, रंगोई नाला साइफन, जोया नाला और बलियाला हैड का निरीक्षण किया। उपायुक्त ने कहा कि जिले में मानसून के दस्तक देने के साथ ही प्रशासन द्वारा बाढ़ राहत को लेकर सभी आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं। जिले में बाढ़ का पानी किसी प्रकार का नुकसान ना पहुंचाए, इसके लिए प्रशासन ने संबंधित विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटियां लगाकर उन्हें अलर्ट कर दिया है, वहीं जिले में उपलब्ध संसाधनों को भी तैयारी पर रखा गया है। बाढ़ राहत के लिए लघु सचिवालय, रतिया तथा टोहाना में कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं।

114 गांवों में बाढ़ आने का खतरा

जिले की फतेहाबाद, रतिया, कुलां, जाखल व टोहाना तहसील के कुल 114 गांव ऐसे हैं, जहां बाढ़ आने का खतरा रहता है। उक्त सभी गावों में रिंग बांध मजबूत करने के निर्देश उपायुक्त ने सभी बीडीपीओ को दिये। इसके अलावा पिछले 3 सालों में बाढ़ राहत को सरकार व प्रशासन द्वारा काफी नए निर्माण भी किए गए हैं ताकि खतरे वाले इलाके के लोगों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो।

खाबड़ा कलां व भीमेवाला में पाइपलाइन ड्रेन का हो रहा निर्माण

उपायुक्त ने बताया कि बाढ़ रोकने के लिए जिला में पिछले साल काफी काम हुए है। गांव खाबडा कलां और भीमेवाला में पाइपलाइन ड्रेन का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा रंगोई नालों की क्षमता भी बढ़ाई गई है। जिला प्रशासन के पास 13 डीजल चालित पम्पसेट, बिजली चालित 83 पंपसेट, 39 वर्टिकल टरबाइन सहित लगभग 26 किलोमीटर की पाइपलाइन उपलब्ध हैं। रंगोई नाला की सफाई चल रही हैं। जिला में 13 ड्रेन है जिनकी सफाई का काम शुरू करवाया जा चुका है और 30 जून तक सफाई कर ली जाएगी।

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