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हरियाणा के नारनौल की पीएनडीटी टीम ने भ्रूण लिंग जांच मामले में दिल्ली से भ्रूण लिंग करने वाले गिरोह को काबू किया। जांच करने वाला डॉक्टर महज बीए पास निकला। स्वास्थ्य विभाग की टीम मामले में पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर रही है।

Narnaul: अवैध रूप से भ्रूण लिंग जांच करने वाले गिरोह को स्वास्थ्य विभाग की नारनौल पीएनडीटी टीम ने शनिवार को दिल्ली में पकड़ा। दलाल ने 60 हजार में सौदा किया था। जांच करने आए डॉक्टर को दलाल ने 15 हजार दिए। फिर जांच के बाद डॉक्टर ने डिकॉय मरीज को पेट में लड़की होना बताया। जब यह जांच हो गई तो डिकॉय मरीज का इशारा पाकर टीम ने छापामार कार्रवाई की। इस दौरान दलाल व दो महिलाओं को भी पकड़ा गया। जांच में सामने आया कि जिस डॉक्टर ने जांच की, वह महज बीए पास है। फिलहाल इस गिरोह के चार लोगों को मौके पर ही पकड़ लिया गया। अब पुलिस जांच करेगी कि इस गिरोह में कहीं अन्य लोग तो शामिल नहीं है।

नांगलोई निवासी सत्येंद्र है दलाल, दिल्ली व यूपी में करवाता था जांच

सिविल सर्जन डॉ. रमेशचंद्र आर्य को गुप्त सूचना मिली कि दिल्ली में नांगलोई निवासी दलाल सत्येंद्र हरियाणा से गर्भवती महिलाओं को दिल्ली और उतर प्रदेश ले जाकर उनके गर्भ में पल रहे शिशु की पहचान की एवज में 60 से 80 हजार रुपए लेकर लिंग जांच करवाता है। इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए पीएनडीटी नोडल अधिकारी डॉ. विजय यादव, लिपिक अशोक कुमार, अटेली मेडिकल ऑफिसर डॉ. उमेश की टीम गठित की। इस टीम को सुरक्षा और सहायता देने के लिए हेड कांस्टेबल सुखबीर और लेडी कांस्टेबल अंजू को शामिल किया। इसके बाद टीम ने एक महिला डिकॉय मरीज को उसके पति सहित तैयार किया। डिकॉय मरीज ने दलाल सतेंद्र से मोबाइल पर संपर्क कर लिंग जांच के लिए कहा। कुछ देर बातचीत के बाद दलाल सत्येंद्र 60 हजार में भ्रूण लिंग जांच करने के लिए तैयार हो गया।

पीरागढ़ी मेट्रो स्टेशन पर मंगवाए 60 हजार

दलाल ने डिकॉय मरीज व उसके पति को शनिवार सुबह आठ बजे दिल्ली के पीरागढ़ी मेट्रो स्टेशन पर 60 हजार लेकर आने को कहा, ताकि भ्रूण लिंग की जांच करवाई जा सके। दलाल सत्येंद्र के कहे अनुसार डिकॉय मरीज पति के साथ पीरागढ़ी मेट्रो स्टेशन पर पहुंची। वहां दलाल से सम्पर्क किया और बताया कि वह अपने साथ 60 हजार लेकर उसकी बताई गई जगह पर आ गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पहले ही डिकॉय मरीज को दिए गए सभी नोट के अंक लिख लिए थे। इसी दौरान कुछ देर बाद दलाल सुरेंद्र पीरागढ़ी मेट्रो के पास आया। यहां दलाल को डिकॉय मरीज ने 60 हजार रुपए दे दिए। दलाल उन्हें ऑटो रिक्शा में बैठकर भजनपुरा दिल्ली की तरफ ले गया। भजनपुरा में वह एक मकान में किया, जहां उनकी मुलाकात एक अन्य दलाल महिला रामभतेरी से हुई।

जिस व्यक्ति ने की भ्रूण जांच, वह डॉक्टर निकला बीए पास

सिविल सर्जन डॉ. रमेशचंद्र आर्य ने बताया कि काले रंग का बैग लिए एक व्यक्ति मकान पर आया। इस बीच स्वास्थ्य विभाग की टीम ने नॉर्थ ईस्ट डिस्टिक एडमिनिस्ट्रेशन दिल्ली से संपर्क किया और इस ऑपरेशन को जॉइन करने को कहा। कुछ समय बाद भजनपुरा के पीएनडीटी नोडल अधिकारी डॉ. ललित वहां पहुंचा। नारनौल टीम ने उन्होंने पूरे घटनाक्रम के बारे में बताया। इसके बाद टीम को बताया कि बाइक पर आया एक डॉक्टर यूएसजी टेस्ट कर रहा है और डिकॉय मरीज को पेट में लड़की होना बताया है। डिकॉय मरीज ने टीम को इशारा कर दिया। इशारा पाकर टीम ने डॉक्टर कपिल कसाना को यूएसजी टेस्ट मशीन सहित पकड़ लिया। साथ ही दलाल सत्येंद्र, रामभतेरी और एक अन्य महिला राजेंद्र को गिरफ्तार किया। जांच में सामने आया कि डॉक्टर कपिल कसाना केवल बीए पास है।

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