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पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (एएफटी) के आदेशों का पालन न करने के लिए केंद्र सरकार के अधिकारियों के ढीले रवैये के प्रति अपनी गहरी नाराजगी व्यक्त की।

High Court: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (एएफटी) के आदेशों का पालन न करने के लिए केंद्र सरकार के अधिकारियों के ढीले रवैये के प्रति अपनी गहरी नाराजगी व्यक्त की। एक सेवानिवृत सैन्यकर्मी की विधवा की याचिका में केंद्र सरकार को पिछले डेढ़ साल से लंबित पारिवारिक पेंशन देने के एएफटी चंडीगढ़ के निर्देश को लागू करने के निर्देश देने की मांग की गई थी।

एएफटी के आदेश को पारित करे केंद्र सरकार

जस्टिस सुधीर सिंह और जस्टिस करमजीत सिंह ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है, जहां एएफटी द्वारा पारित आदेश को लागू करने के बजाय, केंद्र ने याचिकाकर्ता, जो एक सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी की विधवा है, उसको कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर किया। इसके अलावा, एएफटी के एक नवम्बर 2022 के आदेश के कार्यान्वयन के लिए समय-समय पर निर्देश जारी करने के बावजूद, उक्त आदेश का आज तक अनुपालन नहीं किया गया। उक्त आदेश के खिलाफ केंद्र द्वारा कोई अपील या संशोधन दायर नहीं किया गया है और न ही इसकी पालना की गई। केंद्र एएफटी के आदेशों को लागू करें।

आधिकारिक प्रतिवादियों के उदासीन रवैये के प्रति हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी

शिमला निवासी शिव देई गुलेरिया ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर केंद्र सरकार के अधिकारियों को चंडीगढ़ एएफटी द्वारा नवंबर 2022 में पारित आदेश को लागू करने के निर्देश देने की मांग की थी। कोर्ट ने कहा कि यह न्यायालय आधिकारिक प्रतिवादियों के उदासीन रवैये के प्रति अपनी गहरी निराशा और पीड़ा दर्ज करता है। सुनवाई के दौरान केंद्र की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि इस मामले में एएफटी के पास इस मामले की 25 सितंबर को सुनवाई होनी है। इस कोर्ट ने एएफटी को आदेश दिया कि वह इस मामले का जल्द से जल्द निपटान करे।

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