Illegal Mining In Haryana: हरियाणा सरकार ने राज्य में अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए सख्त हो गई है। खान एवं भूविज्ञान विभाग की ओर से लगातार छापेमारी की जा रही है। इसके अलावा विभाग ने अवैध खनन को रोकने के लिए कई बड़े कड़े उपाय अपनाए हैं। हरियाणा प्रशासन ने खनन स्थलों पर कड़ी निगरानी बनाए हुए है, जिसके लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। साथ ही खनन स्थलों का लगातार समय-समय पर निरीक्षण किया जा रहा है। बता दें कि अवैध खनन करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जुर्माना लगाया जा रहा है। साथ ही अवैध खनन में शामिल वाहनों को जब्त किया जा रहा है।

2025 में अब तक 3950 जगहों पर रेड

प्रदेश में अवैध खनन को रोकने के लिए विभाग के अधिकारियों की ओर से की जा रही कड़ी निगरानी और ठोस कार्रवाई से राज्य में अवैध खनन की कामों पर रोक लगाने में काफी हद तक कामयाबी मिली है। विभाग के अनुसार, जनवरी महीने से लेकर अभी तक जिला स्तर पर विशेष जांच अभियान के तहत 3,950 जगहों पर निरीक्षण किया गया। इस दौरान जांच में अवैध खनन में शामिल 324 वाहनों को जब्त किया गया। इससे करीब 1.37 करोड़ रुपए का रेवेन्यू भी प्राप्त हुआ।

सिर्फ यमुनानगर में अवैध खनन के 100 से ज्यादा मामले

आंकड़ों के मुताबिक, सिर्फ यमुनानगर जिले में अवैध खनन के खिलाफ जांच में 100 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। यह कार्रवाई जनवरी महीने से लेकर फरवरी महीने की 10 तारीख के बीच की गई है। अभी हाल ही में जिले यमुनानगर में अवैध खनन की शिकायत मिली थी, जिस पर कार्रवाई करते हुए खनन विभाग की ओर तुरंत वहां पर छापेमारी की गई।

जांच में पता चला कि करीब 2 एकड़ भूमि पर अवैध रूप से बोल्डर, ग्रेवल, रेत और साधारण मिट्टी का खनन किया गया था। विभाग ने इस अवैध गतिविधि के लिए 65 लाख 37 हजार 732 का जुर्माना लगाया। साथ ही 11 फरवरी 2025 को एफआईआर भी दर्ज करवाई। बता दें कि खनन विभाग के दिए निर्देशों के अनुसार, राज्य के सभी जिलों में लगातार जांच की जा रही है, जिससे प्रदेश में गलत तरीके की गतिविधियों को रोका जा सके।

आगे भी जारी रहेगी विभाग की कार्रवाई

हरियाणा सरकार की ओर से पहले ही सख्त निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि अवैध खनन में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। अगर किसी ने नियमों का उल्लंघन किया, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। विभाग के इस कदम का उद्देश्य राज्य में हो रहे अवैध खनन पर पूरी तरह से रोक लगाना है। इससे सुनिश्चित किया जाएगा, कि प्राकृतिक संसाधनों को नुकसान ने पहुंचा जाए और सरकारी राजस्व को कोई नुकसान न हो।

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