Narnaul: अगर हौंसले बुलंद हो और युवा टारगेट पर निशाना साधते हुए चले तो हर मंजिल आसान हो जाती है। इसी तरह एक युवा है, जिसने सेना में ही भर्ती होने की जिद की। परिजन उसे अन्य जॉब करवाना चाहते थे। परिजनों के कहने पर मन मारकर करीब 35 अलग-अलग जॉब के लिए परीक्षा व इंटरव्यू दिया। लक्ष्य कहीं ओर था, आखिर वही हुआ। सेना में भर्ती होने के जुनून के आगे सब फीका हो गया। आखिरकार सीआरपीएफ में एसआई के लिए सिलेक्शन हो गया। नवंबर-2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जॉब कार्ड दिया। फिर एक साल तमिलनाडू में ट्रेनिंग करने के बाद अब यह युवा घर लौटा तो परिजनों में खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
रिटायर हेडमास्टर का बेटा है एसआई घनश्याम
नारनौल शहर के मौहल्ला सलामपुरा वासी मास्टर रामजीलाल सैनी का बेटा है एसआई घनश्याम सैनी। रामजीलाल शिक्षा विभाग में हेडमास्टर से रिटायर हो चुके है। माता सरला देवी इस समय शहर में बहरोड रोड स्थित सैनी स्कूल की इंचार्ज के रूप में सेवाएं दे रही है। घनश्याम सैनी ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी रोहतक कैंपस में ही रहकर मैकेनिकल इंजीनियरिंग बीटेक 2019 में की। इस दौरान कई सरकारी जॉब में परिजनों के कहने पर इंटरव्यू दिया। परिजनों के कहने पर ही बीटेक की। जब घर में परिजनों के सामने बैठकर कभी बातचीत होती तो घनश्याम मन की बात कहता कि उसे सेना में जाना है। देश सेवा करनी है।
परिजनों ने दूसरी नौकरी के लिए किया प्रेरित, बेटे ने चुनी सेना
परिजन ने घनश्याम को सेना में नौकरी करने की बजाय अन्य बिना वर्दी वाली सरकारी नौकरी करने के लिए प्रेरित किया। यहीं नहीं, ऐसी नौकरियों के लिए आवेदन करने, परीक्षा देने व इंटरव्यू देने के लिए तैयारी करने के लिए कहते। इस तरह घनश्याम ने करीब 35 अलग-अलग नौकरियों के लिए आवेदन किया। किंतु मन में सिर्फ सेना में ही भर्ती होने का लक्ष्य था। उसी लक्ष्य को केंद्र बनाकर कोविड काल में ऑनलाइन ही घर पर तैयारी शुरू की। एक के बाद एक कदम आगे बढ़ते गए और सफलता मिल गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया था जॉब कार्ड
नवंबर-2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जॉब मेला लगाकर घनश्याम को सीआरपीएफ में एसआई पद का जॉब कार्ड दिया। फिर तमिलनाडू में एक जनवरी 2023 से 31 दिसंबर 2023 तक ट्रेनिंग की। अब ट्रेनिंग पूरी कर घनश्याम घर लौटा तो परिजन फूले नहीं समां रहे। वह यहां 25 दिन छुट्टी पर आया है। फिर 182 बटालियन पुलवामा में अपनी सेवाएं देगा। घनश्याम ने इस सफलता का श्रेय माता-पिता व गुरूजनों को दिया।