Kisan Andolan: पिछले एक साल से अपनी मांगों को लेकर किसानों की ओर से किए जा रहे आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच चंडीगढ़ में मीटिंग की गई। यह मीटिंग करीब 4 घंटे तक चली, जिसमें फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी समेत कई गारंटियों को लेकर को लेकर चर्चा हुई। हालांकि इसके बाद भी एक बार फिर से केंद्र सरकार और किसानों की मीटिंग का कोई नतीजा नहीं निकल पाया।
मीटिंग के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान ने कहा कि दोनों तरफ से सकारात्मक बातचीत हुई। उन्होंने बताया कि अब किसानों के साथ अगली मीटिंग 4 मई को की जाएगी। दूसरी ओर किसानों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगे पूरी नहीं करती है, वे संघर्ष जारी रखेंगे। साथ ही जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन भी नहीं रुकेगा।
28 किसान नेता मीटिंग में हुए थे शामिल
केंद्र सरकार के साथ किसानों की यह सातवीं मीटिंग हुई, इसमें किसानों की तरफ से संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवन सिंह पंधेर के नेतृत्व में 28 किसान नेता चंडीगढ़ पहुंचे थे। बता दें कि डल्लेवाल खनोरी बॉर्डर पर पिछले कई महीनों से आमरण अनशन पर बैठे हैं, जिसके चलते उन्हें एंबुलेंस से चंडीगढ़ लाया गया।
वहीं, मीटिंग में केंद्र सरकार की ओर से कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ प्रह्लाद जोशी और पीयूष गोयल शामिल थे। इसके अलावा पंजाब सरकार के भी कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुडि्डयां और वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने मीटिंग में भाग लिया। इस दौरान दोनों पक्षों ने अपनी बात रखी, लेकिन कोई फैसला नहीं हो पाया।
किसानों ने जुड़े व्यापारियों से बात करेगा केंद्र
मीटिंग के बाद पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया केंद्र सरकार उन व्यापारियों और अन्य वर्गों से बातचीत करेगी, जो किसानों से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि बैठक बहुत सकारात्मक माहौल में हुई और 4 मई को फिर से चर्चा की जाएगी। साथ ही उन्होंने बताया कि पिछली बैठक में किसान जत्थेबंदियों की ओर से मांगो को लेकर लिस्ट शेयर की गई थी। उन्होंने कहा कि इसी डाटा के आधार पर किसान एमएसपी सहित अन्य कई मांगे कर रहे थे।
मीटिंग से पहले पुलिस फोर्स तैनात
चंडीगढ़ में किसानों के साथ मीटिंग शुरू होने से पहले पंजाब सरकार ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर भारी पुलिस फोर्स तैनात किया था। जानकारी के मुताबिक, मीटिंग से पहले मोहाली से चंडीगढ़ आ रहे किसानों को चंडीगढ़ पुलिस ने बॉर्डर पर रोक लिया गया था। पुलिस का कहना था कि उन्हें किसानों को जाने देने का कोई आदेश नहीं दिया गया है।
पुलिस ने करीब आधे घंटे तक किसानों को रोककर रखा, जिसके बाद उन्हें आगे जाने दिया गया। इसको लेकर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि अचानक ये पुलिस फोर्स सुरक्षा के लिए है या इसका कुछ और मतलब है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर वह पंजाब सरकार से सवाल पूछेंगे।