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हरियाणा के लोगों को मानसून की बेरुखी के चलते उमस की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा बिजली कटों ने भी लोगों की परेशानियों को बढ़ा दिया है। पढ़िये ये रिपोर्ट...

भीषण गर्मी के बाद मानसून की बेरुखी के चलते हरियाणा के लोगों को भारी उमस का सामना करना पड़ रहा है। हालात ये हैं कि अगर एक मिनट भी पंखा बंद हो जाए तो शरीर से पसीना टपकने लगता है। लंबे बिजली कटों ने तो लोगों की परेशानी और ज्यादा बढ़ा दी है। अधिकारियों की मानें तो राज्य में बिजली सप्लाई के मुकाबले खपत ज्यादा है, जिसके कारण बिजली कट की समस्या बनी है। बिजली कटों से राहत की बात करें तो सितंबर से पहले इसकी कोई गुंजाइश नजर नहीं आती है।

मई में बिजली सप्लाई का गणित गड़बड़ाया

हरियाणा में बिजली सप्लाई का गणित मई महीने में ही गड़बड़ा गया था। यह पहला मौका था, जब हरियाणा में बिजली की मांग अनुमानित मांग से ऊपर पहुंच गई थी। अनुमान था कि भीषण गर्मी के चलते यह डिमांड 11172 मेगावाट तक पहुंच सकती है, लेकिन यह डिमांड 12336 मेगावाट तक पहुंच गई। ऐसे में बिजली कट लगाने पड़े।

जून में भी बिजली संकट छाया रहा

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जून में भी बिजली की अनुमानित डिमांड के मुकाबले खपत अधिक रही। इस महीने अनुमानित डिमांड 13884 मेगावाट रखी गई थी, लेकिन खपत 14287 मेगावाट तक पहुंच गई। ऐसे में बिजली कट से परेशान लोग बेसब्री से मानसून के आने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन मानसून ने भी लोगों को धोखा दे दिया।

जुलाई में भी लग रहे लंबे बिजली कट

मौसम विभाग ने दावा किया था कि हरियाणा में 29 जून तक मॉनसून दस्तक दे देगा। लेकिन, अभी तक मानसून न केवल हरियाणा बल्कि दिल्ली से भी खफा है। कुछ इलाकों में हल्की बारिश के चलते लोगों को अब उमस की समस्या झेलनी पड़ रही है। ऐसे में बिजली की खपत में कोई कमी नहीं देखी गई है। अधिकारियों की मानें तो जुलाई में गर्मी और उमस के चलते 2000 से 2500 मेगावाट बिजली की कमी है। अगस्त में भी 1003 मेगावाट और सितंबर में 1177 मेगावाट बिजली की कमी रहने की संभावना है।

जींद ने तोड़ा रिकॉर्ड

जींद सर्कल ने इस बार बिजली खपत का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पिछले साल जींद में 1 करोड़ 8 लाख 77 हजार यूनिट की खपत रही, जबकि 16 जुलाई को यह खपत 1 करोड़ 24 लाख 58 हजार तक पहुंच गई। 1 जुलाई से 16 जुलाई के बीच केवल 4 जुलाई के दिन ही खपत एक करोड़ यूनिट के नीचे रही। इस दिन 91.59 लाख यूनिट की खपत रही।

दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के अधीक्षक अभियंता जितेंद्र ढुल का कहना है कि मानसून की बारिश न होने से बिजली खपत में कमी नहीं आ पाई है। फिलहाल कट नहीं लगाए जा रहे हैं। लोगों से अपील है कि बिजली का संयमित उपयोग करें।

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