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हरियाणा के नारनौल में कूड़ा-करकट डालने के गड्ढों में रविवार देर रात्रि आग लगने के कारण 40 परिवारों के रखे हुए ईंधन, खाद व पेड़ जलकर राख हो गए। आग इतनी भयानक थी कि फायर ब्रिगेड की 3-4 गाड़ियों ने करीब 3 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।

मंडी अटेली/नारनौल: गांव गणियार में दलित परिवारों के कूड़ा-करकट डालने के गड्ढों में रविवार देर रात्रि आग लगने के कारण 40 परिवारों के रखे हुए ईंधन, खाद व पेड़ जलकर राख हो गए। आग इतनी भयानक थी कि फायर ब्रिगेड की 3-4 गाड़ियों ने करीब 3 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। हालांकि आग लगने की सूचना फायर ब्रिगेड को रात्रि 12 बजे गांव की सरपंच सुनीता व राजेंद्र प्रसाद ने दे दी थी, लेकिन फायर बिग्रेड सूचना देने के डेढ़ घंटे बाद पहुंची, तब तक आग ने काफी नुकसान कर दिया। आग की चपेट में एक खोखे में चलने वाला सुहाग भंडार भी जलकर राख हो गया, जिसमें लाखों रुपए का सामान था।

आग के कारण 11 हजार वोल्टेज की लाइन क्षतिग्रस्त

कचरे में लगी आग की लपेटें इतनी भयानक थी कि ईंधन के ऊपर से गुजर रही 11 हजार वोल्टेज की लाईन भी खराब हो गई। इससे गणियार, बजाड़, अटेली, बेगपुर आदि गांवों में विद्युत संकट बना रहा। गांव की सरपंच व बस्ती के लोगों ने जिला प्रशासन से नुकसान की भरपाई करने की मांग की। गांव की सरपंच सुनीता देवी ने बताया कि रविवार रात्रि 12 बजे के करीब अज्ञात कारणों के चलते एससी बस्ती के परिवारों के ईंधन में आग लग गई। इसकी सूचना उन्होंने हेल्प लाइन व फायर ब्रिगेड को तत्काल प्रभाव से दी, लेकिन फायर ब्रिगेड की गाड़ी सूचना देने के डेढ़ घंटे बाद पहुंची। तब तक आग भयंकर रूप धारण कर चुकी थी।

दमकल विभाग की देरी से हुआ अधिक नुकसान

सरपंच ने बताया दमकल विभाग का केंद्र अटेली में स्थापित है। इसके बावजूद 10 किमी. की दूरी तय करने में उसे डेढ़ घंटा लगा। आग के कारण कई परिवारों का ईंधन जल कर राख हो गया। ये सभी बीपीएल परिवार हैं तथा ईंधन, धांसे, लकड़ी आदि एकत्रित कर खाना बनाते हैं। इसलिए जिला प्रशासन पीड़ित परिवारों को एक साल मुफ्त में रसोई गैस मुहैया करवाए, ताकि उनके नुकसान की भरपाई हो सके।

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