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Mahendragarh School Bus Accident: हरियाणा के महेंद्रगढ़ में स्कूल बस हादसे के बाद, एनआईएसए नेअपने सभी सदस्यों से सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करने और उन्हें मानक SOP जारी करने का ऐलान किया है।

Mahendragarh School Bus Accident: महेंद्रगढ़ में स्कूल बस हादसे के बाद से पुलिस बिना परमिट वाले प्रइवेट स्कूल बसों के खिलाफ लगातीर कार्रवाई कर रही है। वहीं, नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलायंस (NISA) ने अपने सभी सदस्यों से सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करने और उन्हें मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी करने का ऐलान किया है। नीजी स्कूलों के संचालकों का कहना है कि हम बसों की जांच के लिए उठाए गए कदम के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन इस कारण हमारे अंदर घबराहट पैदा कर रही है।  

एनआईएसए ने किया ये ऐलान

एनआईएसए ने कहा है कि सरकार इस बात का ध्यान रखें कि प्राइवेट स्कूलों की बसों को
चुनाव के लिए  रैलियों में न भेजा जाए। नियम के अनुसार स्कूल की बसें अपने रूट से आगे नहीं जा सकती है, लेकिन फिर भी स्कूलों पर दबाव पड़ता हैं। इस चलते कई बसें खराब होकर लौटती हैं। सरकार को सड़क दुर्घटनाओं से बचने के लिए गड्ढा मुक्त और आवारा पशु मुक्त सड़कें भी की भी सुविधा देनी चाहिए।

एसओपी तैयार करने का फैसला

एनआईएसए के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि सरकार बसों के लिए चालान तो जारी कर रही है। लेकिन समाधान एक अल्पकालिक है जो कुछ ही समय के लिए है। प्राइवेट स्कूलों पर लगाए जा रहे जुर्माने का सीधा असर छात्रों और अभिभावकों पर पड़ेगा। हालांकि, छात्रों की सुरक्षा के लिए पहले से ही सुरक्षित स्कूल वाहन नीति लागू है। हमने भविष्य में ऐसी घटना से बचने के लिए एक एसओपी तैयार करने और सदस्यों से इसका पालन करने के लिए कहने का फैसला किया है।

इस नियम के द्वारा स्कूलों को दिए गए बसों और परिवहन प्रबंधक नियुक्त करने और यह भी ध्यान रखने के लिए कहा जाएगा की बसों की हालत सर्वोत्तम स्थिति में हों और साथ ही  ड्राइवर और कंडक्टर इस नौकरी के लिए उपयुक्त हो।

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स्पेशल प्रोग्राम चलाने का फैसला

हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सुरेश चंदर का कहना है कि इस बस हादसे के बाद सरकार की ओर से ऐसी प्रतिक्रिया देनी स्वाभाविक थी। हम सभी स्कूल भी छात्रों की सुरक्षा को लेकर काफी परेशान हैं। हमने ड्राइवरों और कंडक्टरों को प्रेरित करने के लिए कुछ स्पेशल प्रोग्राम चलाने का फैसला किया है, ताकि इस बात का ध्यान रखा जाए कि वे बच्चों के साथ व्यक्तिगत रूप से जुड़ाव महसूस करें और वे अपनी जिम्मेदारी के साथ बस चलाएं।

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