हरियाणा में अब प्ले स्कूलों की तर्ज पर सरकारी प्राइमरी स्कूलों में भी ‘बाल वाटिकाएं’ शुरू होंगी। नई शिक्षा नीति के तहत यह प्लान तैयार किया गया है। स्कूलों में जिस तरह नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी कक्षा होती है, उसी तरह अब बाल वाटिका की भी तीन श्रेणी होंगी। इनमें आंगनबाड़ी केंद्र में दो श्रेणी होंगी, जबकि तीसरी श्रेणी बाल वाटिका-थर्ड शिक्षा विभाग के अधीन रहेगी। इसकी शुरूआत शिक्षा विभाग ने सरकारी प्राइमरी स्कूलों में की है। इसके लिए टीचर्स को ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है। टीचर्स ने एमआईएस पोर्टल पर नामांकन शुरू कर दिए हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत पूर्व प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य शिक्षण का भाग बनाया गया है।

शिक्षा नीति अनुसार तीन से 18 साल आयुवर्ग के बच्चों के लिए अध्याय 4.1 में जो व्यवस्था है, उसमें स्कूली शिक्षा के पाठयक्रम और शैक्षणिक ढांचे को पुर्नगठित किया जाएगा, ताकि 3-8, 8-11, 11-14 और 14-18 की उम्र के विभिन्न पड़ावों पर विद्यार्थियों के विकास की अलग-अलग अवस्थाओं के मुताबिक ध्यान दिया जा सके।

बालवाटिका-थ्री में ये

बालवाटिका-थ्री के लिए समुचित कार्यक्रम बनाया है। इसमें कक्षा-कक्ष, अध्यापक की व्यवस्था एवं प्रशिक्षण, पठन-पाठन सामग्री, समय-सारणी शामिल हैं। बालवाटिका/कक्षा पहली में पढ़ाने वाले 9,000 अध्यापकों का छह दिवसीय प्रशिक्षण भी सितंबर से नवंबर तक दिया जा चुका है। मध्याहन भोजन, स्टेशनरी, बस्ता, वर्दी के लिए वित्तीय प्रावधान किए हैं।

पाठयक्रम रूपरेखा

शैक्षणिक ढांचा और पाठयक्रम रूपरेखा एक-पांच प्लस तीन प्लस तीन प्लस चार डिजाइन से मार्गदर्शित होगी।

पहली स्टेज : फाउंडेशन स्टेज (दो भागों में अर्थात आंगनबाड़ी/प्री स्कूल के तीन साल प्लस प्राथमिक स्कूल में कक्षा पहली-दूसरी में दो साल, तीन से आठ वर्ष के बच्चों सहित)।

दूसरी स्टेज : प्रिपरेटरी स्टेज (कक्षा तीन-पांच, आठ से 11 वर्ष के बच्चों सहित)।

तीसरी स्टेज : मिडिल स्कूल स्टेज (कक्षा 6-8, 11 से 14 वर्ष के बच्चों सहित)।

चौथी स्टेज : सेकेंडरी स्टेज (कक्षा नौवीं से 12वीं, दो फेज में यानि पहले फेज में नौ व 10 और दूसरे में 11 व 12, 14 से 18 वर्ष के बच्चों सहित) शामिल होगी।

क्या कहते हैं जिला कॉओडिनेटर

मौलिक शिक्षा हरियाणा के सहायक निदेशक (शैक्षणिक) ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर दिया है। प्ले स्कूलों की तर्ज पर बाल वाटिका की दो श्रेणी आंगनबाड़ी केंद्र व बालवाटिका-थर्ड शिक्षा विभाग देख रहा है। महेंद्रगढ़ जिला में 457 में से 254 प्राइमरी स्कूलों ने एमआईएस पोर्टल पर नामांकन कर दिया है। यह कदम बेहद सार्थक साबित होगा।