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हरियाणा विधानसभा चुनावों में जेल से बाहर आने व दिल्ली सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद अरविंद केजरीवाल पहली बार हरियाणा में प्रत्याशियों के समर्थन में रैली करेंगे। अरविंद केजरीवाल के आने से आप प्रत्याशियों में नई जान सी आ गई है।

चंडीगढ़: हरियाणा की माटी से जुड़े केजरीवाल हरियाणा के लोगों से वोट की अपील करने के लिए शुक्रवार को प्रदेश में प्रचार की मुहिम को तेजी देंगे। दिल्ली सीएम पद से इस्तीफा देने और जमानत पर बाहर आने के बाद केजरीवाल पहली बार हरियाणा विस चुनावों के लिए आ रहे हैं। आप नेताओं को उम्मीद है कि केजरीवाल के आने से हरियाणा में हवा का रूख बदलने जा रहा है। चुनाव में पार्टी की कमान संभालने के साथ ही पार्टी के अपने नेताओं की हौसला अफजाई भी केजरीवाल करेंगे।

आप प्रत्याशियों को चुनाव में होगा फायदा

अरविंद केजरीवाल के हरियाणा विधानसभा चुनाव की मुहिम में उतरने से पार्टी को फायदा होगा। यह दावा प्रदेश की कमान संभालने वाले नेता कर रहे हैं। उनका कहना है कि केजरीवाल लोगों की नब्ज अच्छे से समझते हैं। अपनी बातों के माध्यम से वह निचले पायदान पर खड़े व्यक्ति के मन तक आसानी से अपनी बात कह जाते हैं। उन्होंने दिल्ली और पंजाब में सरकार बनाने का चमत्कार कर दिखाया था। दिल्ली में 2015, 2019 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने पूर्ण बहुमत पाकर सरकार बनाई। इसके अलावा पंजाब में पार्टी को मजबूत करने का काम केजरीवाल ने ही किया।

हरियाणा पर जमी केजरीवाल की नजर

अरविंद केजरीवाल के प्रचार प्रसार के कारण पंजाब में पूर्ण बहुमत वाली आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी।  केजरीवाल और उनके सिपहसालारों की नजरें अब हरियाणा पर जम गई हैं। हरियाणा में आप का जनाधार दिल्ली, पंजाब की तुलना में बहुत ज्यादा मजबूत नहीं है, लेकिन आने वाले वक्त में पार्टी संगठन मजबूत होगा और विस चुनावों में सफलता मिली तो बल्ले बल्ले रहेगी। दिल्ली से सटे, फरीदाबाद, गुरुग्राम, करनाल और सोनीपत, पानीपत में पड़ने वाली विधानसभाओं में केजरीवाल की मुहिम का असर रहेगा, यह दावा आप नेताओं का है।

हरियाणा में आप चल सकता बड़ा दांव

आप पिछले विधानसभा की तुलना में मजबूत हुई है। यही नहीं, सूबे में पार्टी का विस्तार भी हुआ है। केजरीवाल नौ साल से दिल्ली में सरकार चला रहे थे। हालांकि, नौ साल की सरकार के दौरान उनका टकराव लगातार उपराज्यपाल से रहा है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में केजरीवाल इसे मुद्दा बना सकते हैं, साथ ही केजरीवाल के आने से भाजपा-कांग्रेस को भी झटका लग सकता है, क्योंकि अब दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर हरियाणा चुनाव में नहीं आ रहे हैं, बल्कि मुख्यमंत्री पद की कुर्सी को छोड़कर जनता के बीच में आ रहे हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि केजरीवाल का यह दांव हरियाणा चुनाव में असर डाल सकता है।

केजरीवाल के आने से नेताओं में आई जान

केजरीवाल के जेल में रहने और पूर्व में बेल नहीं मिलने से निराश हुए हरियाणा की कमान संभालने वाले नेताओं में अब जान पड़ गई है। उनको लगता है कि केजरीवाल के बाहर आने से हरियाणा में अच्छा खासा प्रभाव होगा। हरियाणा में भाजपा-कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दल लगातार चुनाव प्रचार कर रहे हैं। हरियाणा में भाजपा, कांग्रेस के पास बड़े चेहरे हैं लेकिन आप पार्टी के पास दिल्ली, पंजाब की तुलना में हरियाणा में बड़ा चेहरा नहीं है। अब केजरीवाल के आने से वह कमी पूरी होगी और कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम होगा।

सुनीता केजरीवाल कर चुकी जनसंपर्क

दिल्ली के कथित शराब घोटाले में जेल में रहे अरविंद केजरीवाल की गैर-मौजूदगी में पत्नी सुनीता केजरीवाल ने पार्टी की कमान संभाली थी। उन्होंने हरियाणा में कई चुनावी सभाएं की। केजरीवाल की गारंटी लोगों के बीच में लेकर गई और इस बारे में विस्तार से बताया। साथ ही उन्होंने कई मौकों पर भावुक होकर यह भी कहा कि हरियाणा का बेटा  केजरीवाल है, इसलिए भी उनकी पार्टी और नेताओं को मजबूत करना होगा। चुनावी सभा में अच्छी खासी संख्या में लोग जुटे, लेकिन यह वोट बैंक में तब्दील होगा या नहीं, यह अलग बात है।

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