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हरियाणा के रोहतक में शुक्रवार को सड़क पर सफाई कर रही महिला कर्मी बेहोश होकर गिर गई तथा घर से अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई। सफाई कर्मियों ने इसके लिए प्रशासनिक अव्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया है। 

रोहतक। झज्जर रोड पर सफाई करते समय महिला कर्मचारी की तबीयत बिगड़ गई। आसपास के लोगों की सहायता से महिला को घर पहुंचाया गया। वहां भी तबीयत में सुधार नहीं हुआ तो परिवार वाले अस्पताल लेकर आए, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। महिला कर्मचारी की मौत के बाद नगर निगम के सफाई कर्मचारी प्रशासन से नाराज हो गए। कर्मचारियों ने मांग की है कि हीट वेव चल रही है, तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने वाला है, इसलिए सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी का समय सुबह 5 से 10 बजे तक किया जाए।

शनिवार को डीसी से मिलेंगे

नगर पालिका कर्मचारी संघ ने आयुक्त को पत्र भी लिखा है और शनिवार को डीसी से भी मिलेंगे। कर्मचारियों का कहना है कि राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग ने भी निर्देश दे रखे हैं कि भीषण गर्मी के चलते सफाई कर्मचारियों की शिफ्ट सुबह 5 से 10 बजे तक की जाए, लेकिन प्रशासन ऐसा नहीं कर रहा। अब इसे सहन नहीं किया जाएगा। महिला कर्मचारी की तबीयत भी गर्मी के कारण ही बिगड़ी है। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि समय नहीं बदला तो वे आंदोलन को मजबूर होंगे।

ऐसे हुई घटना

नगर निगम में 1995 से कार्यरत सुशीला शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे झज्जर रोड पर सफाई कर रही थी। सफाई करते समय सुशीला को चक्कर आ गए और वह वहीं बैठ गई। कुछ देर के बाद उसे फिर चक्कर आए और वह सड़क पर गिर पड़ी। साथी कर्मचारियों ने आसपास के लोगों की सहायता से सुशीला को उसके घर पहुंचाया। यहां भी उसकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ तो परिवार वाले उसे दिल्ली बाईपास पर एक अस्पताल में लेकर आए। यहां चिकित्सकों ने बताया कि सुशीला की मौत हो चुकी है। इसके बाद कर्मचारियों में आक्रोश देखने को मिल रहा है।

मेडिकल सर्टिफिकेट में भी शर्त

नगर पालिका कर्मचारी संघ की ओर से आयुक्त को एक नपत्र लिखा गया। इसमें बताया गया कि नगर निगम में कार्यरत सफाई कर्मचारी बीमार हो जाता है तो वह अपना चिकित्सया प्रमाण पत्र स्वस्थ शाखा प्रभारी देता है, लेकिन उनसे एमबीबीएस डॉक्टर का प्रमाण पत्र देने के लिए कहा जाता है। पत्र में कहा गया कि घरों के आसपास कुछ अस्पताल एसे भी हैं जो बीएएमएस डॉक्टर चलाते हैं। जिन्हें अधिकारी मान्य नहीं करते। जब कर्मचारी बीमार होने बाद पड़ोस में ही छोटे-मोटे डॉक्टर से इलाज करवा लेते हैं जो की एमबीबीएस नहीं होते। इसलिए सफाई कर्मचारी का चिकित्सा प्रमाण पत्र डॉक्टर द्वारा जरी किया गया मंजूर किया जाए। ताकि कर्मचारीयों को चिकित्सा प्रमाण पत्र अलग से जारी करवाने के लिए चक्कर न काटने पड़ें।

गर्मी में शेड्यूल बदलने की मांग

सफाई कर्मचारी अनिल ने बताया कि हमें धूप में सफाई करते समय चक्कर आते हैं। अब भी सुबह 7 से 12 और दोपहर को 2 से 5 तक शहर में सफाई करवाई जाती है। इसे बदला जाए। कर्मचारी परेशान हैं और इस समस्या को प्रशासन समझे। कर्मचारी प्रदीप और रानी ने बताया कि ड्यूटी की शिफ्ट बदलनी चाहिए। गर्मी के कारण पूरा देश परेशान है। आयोग ने भी निर्देश दे रखे हैं, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जाता। सफाई कर्मचारी तपती धूप में काम करने को मजबूर हैं।

कर्मचारियों को खतरा बना हुआ है

नगर पालिका कर्मचारी संघ के प्रधान संजय बिडलान ने बताया कि नगर निगम में 221 नियमित कर्मचारी हैं। इनके अलावा ठेकेदार और पे रोल पर कर्मचारी अलग हैं। सभी कर्मचारियों को शहर में दो शिफ्ट में काम करवाया जाता है। 12 बजे काम करने के बाद कर्मचारी धूप में घर आता है और फिर दो बजे काम पर लग जाता है। हम शनिवार को डीसी से मिलेंगे। जरूरत पड़ी तो आंदोलन करेंगे। इस सीज में गर्मी से कर्मचारियों को खतरा बना हुआ है।

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