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हरियाणा के सिरसा की आसाखेड़ा माइनर के निर्माण में बरती जा रही लापरवाही को लेकर ग्रामीणों ने धरना दिया। मौके पर पहुंच विभाग के दो अधिकारियों को ग्रामीणों ने बंधक बनाकर बैठा लिया। साथ ही चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी, धरना जारी रहेगा।

डबवाली/सिरसा: सरकारी धन की बर्बादी व अफसरशाही की कथित लापरवाही का बड़ा उदाहरण देखना हो तो एक चक्कर चौटाला गांव की हाल ही में बनाई गई आसाखेड़ा माइनर का लगा कर देख ले। यहां माइनर के निर्माण में कथित अनियमिताएं सामने आई है। ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए अधिकारियों को बंधक बना लिया और बताया कि निर्माणाधीन माइनर में पेड़ों और जड़ों को उखाड़े बिना नहर का कार्य प्रगति पर है। सप्ताह भर पहले जहां निर्माण हुआ, वहां दरारें पड़ चुकी है। निर्माण में निम्न स्तर की सामग्री का भी उपयोग हुआ है।

लाखों रुपए बजट को किया जा रहा बर्बाद 

किसानों ने आरोप लगाया कि लाखों रुपए का बजट घोर लापरवाही के चलते बर्बाद हो रहा है। किसानों के सब्र का बांध टूट चुका है और उन्होंने निर्माणाधीन माइनर पर प्रदर्शन किया। मौके पर पहुंचे अधिकारियों को अपने साथ बंधक बनाकर बैठा लिया। घंटों तक अधिकारी किसानों के साथ मौके पर बैठे रहे। उन्होंने किसानों को समझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन किसान नहीं माने और लगातार गड़बड़ी के आरोप लगाते रहे।

माइनर के निर्माण में नियमों की अनदेखी का लगाया आरोप 

किसानों के प्रतिनिधि राकेश फोगड़िया ने बताया कि आशा खेड़ा माइनर के निर्माण में नियमों की अनदेखी हुई है। सरकारी धन की बर्बादी का यह एक बड़ा उदाहरण है। माइनर के निर्माण के दौरान ना तो पेड़ काटे गए और ना ही जड़ों को निकाला गया। नतीजा यह निकला कि बनते-बनते ही यह माइनर टूटने के कगार पर आ गई। अधिकारी आंखें मूंदकर सोते रहे। लापरवाही का खेल चलता रहा। जब कहीं सुनवाई नहीं हुई तो आज मौका स्थल पर भारी संख्या में किसान एकजुट हुए और प्रदर्शन किया। इस दौरान किसानों ने विभाग के एक्सईएन से बात की और मौके पर आकर कार्रवाई करने को कहा।

धरने पर पहुंचे अधिकारियों को बताया असमर्थ

किसानों के धरने पर पहुंचे जेई सुरेश कुमार और अरुण कुमार से किसानों ने कहा कि आप कार्रवाई करने में सक्षम नहीं है। किसानों ने उच्च अधिकारियों के आने की बात कहते हुए दोनों कर्मचारियों को अपने साथ बंधक बना कर बैठा लिया। किसानों की मांग थी कि इस लापरवाही व अनदेखी के मामले में कार्रवाई को लेकर एक कमेटी का गठन हो और उसमें किसानों को शामिल किया जाए। विभाग के एसडीओ राजेंद्र खरब मौके पर पहुंचे, लेकिन किसानों के साथ कोई सहमति नहीं बनी। वहीं, एक्सईएन एनके भोला ने बताया कि पेड़ों को काटने की परमिशन को लेकर कोई दिक्कत थी। अब पेड़ काटने की परमिशन आ चुकी है। जहां पर भी पेड़ हैं उनको कट करके दोबारा से निर्माण किया जाएगा। मामले में कोई भी कोताही नहीं होगी और पूरा निर्माण ठीक ढंग से करवाया जाएगा।

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