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हरियाणा की थानेसर विधानसभा से विधायक सुभाष सुधा को कैबिनेट में राज्य मंत्री बनाया गया है। हलके को 20 साल बाद मंत्री मिला है, जिससे सुभाष सुधा के समर्थकों में खुशी की लहर देखने को मिली।

Kurukshetra: थानेसर विधानसभा क्षेत्र से सुभाष सुधा को हरियाणा सरकार की कैबिनेट में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया है। इस हलके को लगभग 20 साल के बाद मंत्री मिला है। सुभाष सुधा के राज्यमंत्री बनने पर थानेसर हलका के नागरिकों में खुशी की लहर दौड़ गई और राज्यमंत्री के निवास सेक्टर 7 पर लोगों का बधाई देने का तांता लग गया है। इसके साथ ही शहर और गांव में लोग ढोल नगाड़ों के साथ नाच रहे है। थानेसर वासियों ने मुख्यमंत्री नायब सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का आभार व्यक्त किया। यहां पर बताना जरुरी है कि विधायक सुभाष सुधा पिछले दो टर्म से भारतीय जनता पार्टी से विधायक है और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी तथा पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खासम खास रहे है।

मंत्रीमंडल में पंजाबी चेहरे के रूप में उभरे विधायक सुभाष

थानेसर के विधायक सुभाष सुधा हरियाणा के मंत्रीमंडल में पंजाबी चेहरे के रुप में उभर कर सामने आए। इन लोकसभा चुनावों में एक बड़े पंजाबी नेता के रुप में प्रदेश सरकार का प्रचार-प्रसार भी कर सकते है। मंगलवार को राजभवन चंडीगढ़ में जैसे ही थानेसर विधायक सुभाष सुधा का नाम मंत्रीमंडल की शपथ लेने के लिए पुकारा गया तो, पूरे हलके में खुशियां मनाई गई। नवनियुक्त राज्यमंत्री सुभाष सुधा ने सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि एक छोटे से कार्यकर्ता को राज्यमंत्री बनाकर थानेसर हलका के लोगों को मान-सम्मान देने का काम किया है।

30 वर्ष की आयु में बने थे नगर पालिका समिति थानेसर के अध्यक्ष

सुभाष सुधा ने कहा कि अब थानेसर हलके का विकास ओर तेजी के साथ किया जाएगा। इससे पहले लोकसभा चुनाव में भाजपा को 10 की 10 सीटे जिताने के लिए दिन-रात मेहनत की जाएगी। सभी कार्यकताओं के साथ मिलकर काम किया जाएगा। सरकार के सपनों को साकार करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। विधायक सुभाष सुधा ने अपना राजनीतिक जीवन शुरू में कॉलेज स्तर से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ शुरू किया और एक छात्र नेता के रूप में कॉलेज व विश्वविद्यालय की राजनीति में सबसे आगे रहा। विश्वविद्यालय स्तर की राजनीति में अनुभव प्राप्त करने के बाद 1994 में नगर पालिका पार्षद का चुनाव भारी बहुमत से जीता और 30 वर्ष की आयु में नगर पालिका समिति थानेसर का पहला निर्वाचित अध्यक्ष बनने का सौभाग्य प्राप्त किया। नपा चेयरमैन रहते हुए कुरूक्षेत्र के लोगों की सफलतापूर्वक सेवा की, जिसके लिए उनका कुरुक्षेत्र रत्न की उपाधि से सम्मानित किया गया।

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