हिसार। हरियाणा सरकार द्वारा वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम में संशोधन करके नर नील गाय को मारने की अनुमति देने का फैसला किए जाने के विरोध में अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा ने जोरदार प्रदर्शन किया। बिश्नोई मंदिर से प्रदर्शन करते हुए समाज के गणमान्य नागरिक लघु सचिवालय पहुंचे और वहां नायब तहसीलदार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नाम ज्ञापन सौंपा। भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई कुलदीप बिश्नोई भी इस पर विरोध जता चुके हैं। जानें सरकार ने क्यों लिया था नर नील गाय को मारने देने का फैसला और क्यों हो रहा है इसका विरोध।
बिश्नोई समाज की भावनाओं को ठेस पहुंची
जिले के विभिन्न गांवों से आए बिश्नोई समाज बिश्नोई समाज के गणमान्य व्यक्ति बिश्नोई मंदिर में एकत्रित हुए और सरकार के फैसले पर विरोध जताया। यहां पर बातचीत करते हुए अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के प्रधान एडवोकेट चन्द्र सिंह सहारण ने कहा कि सरकार को नर नील गाय मारने की अनुमति देने वाले फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए। यहां आए हुए सभी गणमान्य व्यक्ति किसानी से संबंध रखते हैं और किसी की भी यह मांग नहीं है कि नील गाय या अन्य वन्य प्राणियों को मारा जाए। उन्होंने कहा कि बिश्नोई समाज ने सदैव जीवों व पेड़ों की रक्षा के लिए संघर्ष किया और बलिदान तक देने से परहेज नहीं किया। ऐसे में हमारी सरकार से मांग है कि इस फैसले पर पुनर्विचार करें और बिश्नोई समाज व अन्य वन्य जीव प्रेमियों की भावनाओं का सम्मान करें।
फैसला नहीं बदला तो आंदोलन करेंगे
![Dignitaries of Bishnoi community demonstrating in Hisar. Dignitaries of Bishnoi community demonstrating in Hisar.](https://img.haribhoomi.com/uploadimage/library/16_9/16_9_5/Dignitaries_of_Bishnoi_community_demonstrating_in_Hisar._1739179764.webp)
सभा के पूर्व प्रधान कामरेड बनवारी लाल बिश्नोई ने कहा कि सरकार का यह फैसला पूरी तरह से वन्य प्राणियों व जीव रक्षा प्रेमियों की भावनाओं के खिलाफ है। सरकार को यह फैसला तुरंत वापिस लेना चाहिए क्योंकि नील गाय की मारने की अनुमति की आड़ में शिकारी लोग दूसरे वन्य प्राणियों की भी हत्या करने से गुरेज नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने यह फैसला नहीं बदला तो बिश्नोई समाज व सर्व समाज के जीव प्रेमी आंदोलन से गुरेज नहीं करेंगे।
नील गायों की समस्या का समाधान खोजें, मारें नहीं
सभा के आदमपुर प्रधान कृष्ण राहड़ ने कहा कि वन्य प्राणी प्रकृति की शान है। इनको मारकर फसलों व प्रकृति की रक्षा की कल्पना भी नहीं की जा सकती। यदि सरकार समझती है कि ये फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं और इनके संरक्षण का कोई और उपाय खोजें। किसी जीव को मारना हमें तो क्या, किसी को भी अधिकार नहीं है।
बिना सोचे समझे सरकार ने लिया निर्णय
बैठक के बाद बिश्नोई समाज के सैकड़ों व्यक्ति प्रदर्शन व नारेबाजी करते हुए बिश्नोई मंदिर से लघु सचिवालय पहुंचे। यहां पर नारेबाजी के बाद उन्होंने नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि कोई भी समाज ऐसे कृत्य को स्वीकार नहीं करता लेकिन दुर्भाग्य है कि सरकार ने बिना सोचे समझे नील गायों को मारने का परमिट देने की अनुमति दे दी। यह भाजपा सरकार की छवि के भी विपरीत है। इस अवसर पर जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट विनय बिश्नोई, बिश्नोई सभा हिसार के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप बैनीवाल, जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट मनदीप बिश्नोई, बिश्नोई सभा के पूर्व कोषाध्यक्ष अनिल पूनिया, श्री गुरु जम्भेश्वर कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष निहाल सिंह गोदारा, एडवोकेट सुशील ज्याणी, एडवोकेट अशोक बिश्नोई, एडवोकेट दलबीर बिश्नोई, भाजपा नेता कृष्ण बिश्नोई, दाताराम बिश्नोई, पूर्व सरपंच संजय लाम्बा, सरपंच श्रीराम, एडवोकेट राय साहब डेलू, राकेश कालीराणा, सरपंच बलराज धायल आदि मौजूद रहे।
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