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हरियाणा के फतेहाबाद में स्थित तुलसी धाम के खिलाफ गांव खाबड़ा में पंचायत हुई। पंचायत में लोगों ने तुलसी धाम पर पाखंडवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। वहीं, तुलसी धाम की संचालिका ने आरोपों को निराधार बताते हुए श्रद्धा का नाम दिया।

Fatehabad: गांव खाबड़ा कलां में शराब छुड़ाने का दावा करने वाला तुलसी धाम विवादों में आ गया है। वीरवार को धाम के खिलाफ गांव के पंचायत घर में महापंचायत हुई। इस महापंचायत में काफी संख्या में ग्रामीणों के अलावा हिसार के कोथकलां से नाथ संप्रदाय के सबसे बड़े डेरे के महंत शुक्राई नाथ ने भी शिरकत की। उन्होंने लोगों को शराब, नशे, पाखंडवाद से दूर रहने की शपथ दिलाई। साथ ही पाखंडवाद के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ने का आह्वान किया। दूसरी ओर तुलसी धाम की संचालिका संगीता देवी ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि वे पाखंडवाद को बढ़ावा नहीं दे रही, बल्कि लोग श्रद्धा से यहां आ रहे हैं।

रोजाना हजारों की संख्या में तुलसी धाम पहुंच रहे लोग

बता दें कि खाबड़ा कलां में कई एकड़ में बने तुलसी धाम में अब रोजाना हजारों की संख्या में लोग झाड़ा लगवाने के लिए आते हैं। वाहनों की ज्यादा तादाद होने के चलते करीब एक एकड़ में पार्किंग तक बनाई गई है। यहां पर साथ लगते राजस्थान क्षेत्र से काफी तादाद में लोग पहुंच रहे हैं। पंचायत में महंत शुक्राई नाथ ने बताया कि ग्रामीणों की तरफ से उन्हें बताया गया कि खाबड़ा में अंधविश्वास फैलाया जा रहा है। इसी के खिलाफ महापंचायत हुई, जिसमें फैसला लिया गया कि किसी भी रूप में यहां पाखंडवाद नहीं चलने देंगे, केवल खाबड़ा नहीं जहां भी यह मामले होंगे, वहां लड़ाई लड़ी जाएगी। प्रशासन को भी इस मामले में शिकायत दी गई है।

प्रसाद व पार्किंग के नाम पर हो रही वसूली

ग्रामीणों ने बताया कि रोजाना आने वाले हजारों लोगों से प्रसाद के नाम पर 20 से 50 रुपए तथा पार्किंग की फीस के रूप में रुपए लिए जा रहे हैं। रोजाना लाखों रुपए ऐंठे जा रहे हैं। इस पाखंड का प्रचार यूट्यूब पर भी खूब किया जा रहा है, जिससे दूर दराज से लोग अब यहां आ रहे हैं। महंत शुक्राई नाथ ने कहा कि यहां शराब छुड़ाने का दावा किया जा रहा है, जबकि पंचायत में मौजूद लोगों ने बताया कि उनकी शराब नहीं छुटी। यदि झाड़े से समस्याएं हल हों तो बॉर्डर पर दुश्मनों की एके 47 पर झाड़ा लगाकर उन्हें नेस्तनाबूत कर दें।

धाम में राजस्थान से आए हुए थे काफी वाहन, बाहर लगी थी स्टाल

जब तुलसी धाम का दौरा किया गया तो पाया कि राजस्थान नंबर की भारी संख्या में बसें, कारें, पिकअप यहां आई हुई थी। धाम के बाहर फल फ्रूट, जूस, चाय, पकौड़ों के अलावा प्रसाद की स्टाल भी देखी गई। थोड़े आगे जाकर देखा तो धाम में एक पंडाल में यहां की संचालिका संगीता देवी सामने बैठे सैकड़ों लोगों को झाड़ा लगा रही थी। बैच के अनुसार झाड़े लगाए जाते हैं। 100 से ज्यादा लोगों को एक बार में झाड़ा लगाकर फिर दूसरे बैच के लोगों को बुलाया जा रहा था।

धाम की संचालिका ने आरोपों को निराधार बताया

अंधविश्वास फैलाने के आरोपों के बारे में संचालित संगीता देवी ने कहा कि सभी आरोप निराधार है। उनके धाम की प्रसिद्धि से विचलित होकर कुछ लोग आरोप लगा रहे हैं और अब पंचायत बुलाकर उनके खिलाफ लोगों को खड़ा किया जा रहा है। यहां पर तुलसी माता की पूजा की जाती है और उनके नाम पर ही लोगों को झाड़ा लगाया जाता है। उन्होंने दावा किया कि झाड़े से 20 हजार से ज्यादा लोगों की शराब छुटी है, कैंसर तक की बीमारी से लोगों ने मुक्ति पाई है। प्रसाद के नाम पर जो लागत है, मात्र वही स्टाल पर ली जाती है और चंदे के नाम पर कुछ भी नहीं लिया जाता। श्रद्धा भाव से लोग यहां आते हैं और जो श्रद्धा से चंदा वो देते हैं, उन्हें उसके लिए बाध्य नहीं किया जाता। उन्होंने पार्किंग फीस के सवाल पर कहा कि लोगों की सुविधा के लिए दूसरों के खेत लिए हुए हैं और पार्किंग फीस से खेतों का रेंट दिया जाता है।  

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