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हरियाणा के रोहतक की वैश्य एजुकेशन सोसायटी की गवर्निंग बॉडी की बैठक में जमकर हंगामा हुआ। विवाद इतना बढ़ गया कि संस्था के सचिव, कोषाध्यक्ष व उपप्रधान ने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने प्रधान पर मनमानी के आरोप लगाए, वहीं प्रधान ने भी तीनों पर संस्था के विकास में बाधक बनने के आरोप लगाए।

Rohtak: वैश्य एजुकेशन सोसायटी की गवर्निंग बॉडी की बैठक में उस समय हंगामा हो गया, जब प्रधान व सचिव के बीच एजेंडों को लेकर आपस में कहासुनी हो गई। दोनों एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते रहे। इसी बीच कोषाध्यक्ष व उपप्रधान भी सचिव की तरफ से बोलने लगे। उधर प्रधान की तरफ से एक गवर्निंग बॉडी सदस्य भी धमकी भरे लहजे में बोलने लगा तो विवाद बढ़ गया और उपप्रधान, कोषाध्यक्ष व सचिव अपने पद से इस्तीफा देकर बाहर निकल आए। साथ ही प्रधान पर गंभीर आरोप लगाने लगे।

महात्मा गांधी ने रखी थी संस्था की नींव, उसी में मच रहा है कोहराम

16 फरवरी 1921 के ऐतिहासिक दिन बाबू श्याम लाल जैन एडवोकेट के नेतृत्व में युगपुरूष राष्ट्रपिता महात्मागांधी ने अपने कर-कमलों से विद्यालय के भवन की आधारशिला रखी। शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उस समय जो संस्था शुरू की गई थी, आज उसी संस्था में गवर्निंग बॉडी के सदस्यों के बीच कोहराम मचा हुआ है। संस्था में चुने गए पदाधिकारी उपप्रधान दीपक जिंदल, कोषाध्यक्ष चंद्र गर्ग व सचिव राजेंद्र बंसल ने प्रधान नवीन जैन पर संस्था में मनमानी करने के आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं, प्रधान नवीन जैन ने तीनों की नीयत पर सवाल खड़े किए। कुल मिलाकर गवर्निंग बॉडी के सदस्यों के बीच आपसी खींचतान देखने को मिल रही है।

लंबे समय से चल रहा है विवाद, अब खुलकर आया सामने

वैश्य एजुकेशन सोसायटी के प्रधान व गवर्निंग बॉडी के अन्य पदाधिकारियों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। लेकिन यह विवाद अब खुलकर सामने आ गया है। पिछले कई दिनों से जहां कर्मचारी वेतन देने की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं, वहीं संस्था के विकास कार्यों को लेकर भी आपस में खींचतान चल रही है। कर्मचारियों को लगाने व हटाने के लेकर भी आपस में मनमुटाव देखने को मिल रहा है। गवर्निंग बॉडी के सदस्यों के बीच जब आपस में ही तालमेल नहीं दिख रहा तो संस्था का विकास कैसे होगा, यह समझा जा सकता है।

बोले सचिव, प्रधान कर रहा मनमानी, जान से मारने की दे रहे धमकी

संस्था के सचिव राजेंद्र बंसल ने बताया कि गवर्निंग बॉडी की मीटिंग बुलाई गई थी, जिसमें बिना किसी विषय पर चर्चा किए प्रधान खुद की एजेंडों को पास करने का फरमान सुनाने लगे। पिछली बैठक की वीडियो रिकार्डिंग मांगी गई तो वह देने से इनकार कर दिया, जबकि वह संस्था के सचिव हैं और उनका अधिकार है रिकार्डिंग लेने का। लेकिन प्रधान संस्था में मनमानी कर रहे है और उनके साथी मीटिंग में ही उन्हें जान से मारने की धमकी तक दे रहे हैं। उन्हें अपनी जान प्यारी है, इसलिए संस्था के सचिव पद से इस्तीफा दे दिया। अब समाज को देखना है कि संस्था को बचाना है और बर्बाद करना है।

मीटिंग की तिथि तय करने बारे नहीं पूछते, बाहर देख लेने की देते हैं धमकी

संस्था के कोषाध्यक्ष चंद्र गर्ग ने प्रधान पर आरोप लगाया कि मीटिंग की तिथि तय करने को लेकर गवर्निंग बॉडी के किसी भी सदस्य से पूछा नहीं जाता। प्रधान स्वयं ही तिथि तय कर देते हैं। वह बाहर थे और मीटिंग बाद में रखने का पत्र प्रधान को दिया था, लेकिन प्रधान ने ऐसा नहीं किया। ऐसे में उन्हें रात को ही वापस आना पड़ा। प्रधान की मंशा थी कि उनकी गैरमौजूदगी में कोई भी एजेंडा पास करके संस्था को नुकसान पहुंचाया जाए। मीटिंग के दौरान जब उन्होंने अपनी बात रखनी चाही तो प्रधान की तरफ से गवर्निंग बॉडी सदस्य राजेश नवल ने उन्हें बाहर देख लेने, गोली मरवाने की धमकी भी दी। उन्होंने समाज से संस्था को बचाने की अपील की।

जिनके हाथ पल्ले कुछ नहीं, वही करते हैं हंगामा

वैश्य एजुकेशन सोसायटी के प्रधान नवीन जैन ने कहा कि जिनके हाथ पल्ले कुछ नहीं होता, वही हंगामा करते हैं। उनके पास बहुमत है और उन्हें किसी को धमकाने की क्या जरूरत है। जो लोग हंगामा करके गए हैं, वह संस्था का विकास होने नहीं देना चाहते। कर्मचारियों का वेतन भी कोषाध्यक्ष ने ही रोका था। उन्होंने बताया कि बैठक शुरू होते ही सचिव राजेंद्र बंसल ने ऊंचा बोलना शुरू कर दिया, जिसके कारण राजेश नवल भी ऊंचा बोलने लगा। इस बीच उपप्रधान दीपक व कोषाध्यक्ष चंद्र गर्ग भी सचिव के पास चले गए और बोलने लगे। ऐसे में राजेश नवल के साथ उनकी बहस हो गई और वह इस्तीफा देकर मीटिंग छोड़कर चले गए। उन्होंने बैठक में रखकर इस्तीफे को स्वीकार कर लिया। साथ ही आगे के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।

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