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रेसलर से नेता बनी विनेश फोगाट ने चुनाव जीतने के बाद पहली बार विरोधियों को करारा जवाब दिया है। जानिये शपथ लेने के बाद विनेश फोगाट ने क्या कहा...

जींद जिले की जुलाना विधानसभा सीट से जीत हासिल करने वाली कांग्रेस प्रत्याशी विनेश फोगाट ने शपथ लेने के बाद अधिकारिक रूप से कार्य की शुरुआत कर दी है। शपथ लेने के बाद उन्होंने एक कविता के माध्यम से विरोधियों को कड़ा संदेश दिया है। विनेश फोगाट का कहना है कि आने वाले वक्त में बहुत ज्यादा परेशानियां आएंगी, लेकिन सड़क से विधानसभा तक अपनी आवाज को बुलंद करेंगी। यही नहीं, शपथ ग्रहण के समय भी उन्होंने अपनी पोशाक के माध्यम से दर्शाने का प्रयास किया कि वे हारने वाली नहीं बल्कि जितने वाली खिलाड़ी हैं।

रेसलर से नेता बनी विनेश फोगाट ने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए पेरिस ओलंपिक जर्सी का चुनाव किया था। जब विनेश से ओलंपिक जर्सी पहनने के पीछे की वजह जाननी चाही तो जवाब दिया कि वो खिलाड़ी हैं और हमेशा खिलाड़ी ही रहना चाहती हैं। मीडिया ने जब पूछा कि क्या वो रेसलिंग में वापसी कर सकती हैं, तो जवाब दिया कि जो खिलाड़ी की भावना होती है, वहीं मेरी है। उन्होंने कहा कि जनता ने मुझे जिताकर विधानसभा में भेज दिया है, अब अगले पांच साल तक जनता की लड़ाई लडूंगी।

शपथ लेने के बाद विरोधियों पर साधा निशाना

विनेश फोगाट ने विधायक पद की शपथ लेने के बाद अपने विरोधियों पर कविता के माध्यम से तंज कसा। उन्होंने एक्स पर लिखा कि मैं रोशनी थी मुझे फैलते ही जाना था, वो बुझ गए जो समझते रहे चिराग मुझे।' उन्होंने आगे लिखा कि आज संविधान के अनुसार विधानसभा में शपथ ली है। आगे बड़ा और मुश्किल रास्ता तय करना है। हरियाणा में खिलाड़ी, किसान, मजदूरों और महिलाओं की आवाज को सड़क से विधानसभा तक मिलकर बुलंद करेंगे।

विनेश फोगाट का इशारा किस ओर

हरियाणा विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद से विनेश फोगाट पर हमले बोले जा रहे हैं। कुछ लोग महिला पहलवान आंदोलन को कांग्रेस प्रायोजित बता रहे हैं, तो कुछ विनेश फोगाट पर भी तंज कस रहे हैं। यही नहीं, चुनाव नतीजों के बाद से ही डब्ल्यूआईएफ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह शरण को भी महिला पहलवान आंदोलन पर सवाल उठाने का मौका मिल गया था। हाल में साक्षी मलिक ने भी ऐसा बयान दिया था, जिससे महिला पहलवान आंदोलन की पृष्ठभूमि पर सवाल उठ गया था।

साक्षी मलिक ने कहा था कि बृजभूषण सिंह शरण की जगह भाजपा नेता बबीता फोगाट स्वयं डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बनना चाहती थी। उन्होंने ही प्रदर्शन की अनुमति दिलाई थी। साक्षी के इस बयान के बाद से विनेश फोगाट पर हमले तेज हो गए थे। साक्षी मलिक ने स्पष्टीकरण दिया, जिसमें कहा था कि उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है। बावजूद इसके विनेश फोगाट पर हमले जारी रहे।

शपथ ग्रहण के दिन जब साक्षी मलिक के बारे में सवाल पूछा गया तो विनेश ने जवाब दिया कि उन्होंने साक्षी की किताब नहीं पढ़ी है, इसलिए कुछ भी नहीं कहना चाहती हैं। लेकिन, इसके कुछ समय बाद ही कविता के माध्यम से अपने विरोधियों को करारा जवाब दे दिया है।

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