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हरियाणा में चल रही उत्तर पश्चिमी हवाओं की रफ्तार अब थम-सी गई है जिसके कारण कोहरे व धुंध की संभावना बढ़ गई है। पहाड़ों में हो रहे हिमपात के बाद रात और सुबह हाड़ तोड़ ठंड पड़ रही है। यही कारण है कि तापमान शून्य के करीब पहुंच गया है।

हरियाणा: पिछले कई दिनों से प्रदेश में चल रही उत्तर पश्चिमी हवाओं की रफ्तार अब थम-सी गई है लेकिन देर रात्रि व अलसुबह कड़ाके की ठंड बरकरार है। पहाड़ों में हो रहे हिमपात के बाद रात और सुबह हाड़ तोड़ ठंड पड़ रही है। यही कारण है कि तापमान (Temperature) शून्य के करीब पहुंच गया है। सोमवार रात को यहां का तापमान माइनस में दर्ज किया गया। इसके बावजूद दिन में तेज धूप निकलने से जनजीवन सामान्य-सा चल रहा है। यह मौसम गेहूं की फसल के लिए फायदेमंद व सब्जियों की फसल के लिए नुकसानदेह माना जा रहा है।

कोहरे व धुंध की आशंक बढ़ी

दिसम्बर में अभी दिन में सर्दी शुरू नहीं हुई है। हवाएं रूकने के बाद कोहरा व धुंध की आशंका बढ़ गई है। आगामी कुछ दिनों में कोहरा व धुंध पड़ती है तो निश्चित रूप से दिन के समय ठंड पड़ेगी। मौसम विभाग (Meteorological Department) का मानना है कि पिछले कुछ दिनों से चल रही तेज गति से उत्तर-पश्चिमी दिशा की हवाओं ने कोहरे का निर्माण नहीं होने दिया, जिसके कारण सिर्फ सूखी ठंड देखने को मिली। रविवार से हवाओं की रफ्तार थमी है और परिवर्तनशील भी है, जिसके कारण दिन के तापमान में हल्की सी बढ़ोतरी होने की संभावनाएं हैं।

हवा चली तो नहीं दिखेगा कोहरा

मौसम विभाग के अनुसार हवाओं की स्पीड कम होने के कारण पंजाब-हरियाणा में सुबह के समय हल्का/मध्यम स्तर का कोहरा देखने को मिल सकता हैं। बता दें कि जब तक हवाएं चलेंगी, तब तक धुंध व कोहरा (Fog) नहीं पड़ेगा। अब ज्यों ही हवाओं की रफ्तार कम हुई तो पाला पड़ने की भी संभावना बढ़ गई है। अभी तक दिसंबर माह में बारिश नहीं हुई। आगामी एक सप्ताह में बारिश होती है तो सूखी ठंड से निजात मिलेगी। कृषि उपनिदेशक डॉ. राजेश सिहाग के अनुसार यह मौसम गेहूं की फसल के लिए लाभदायक है। हालांकि कोहरे से सरसों की फसल को नुकसान बताया गया है। बता दें कि पाले से टमाटर व आलू की फसल को नुकसान हो रहा है।

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