Rewari: रेजिडेंशियल एरिया में कमर्शियल कंस्ट्रक्शन और एक्टिविटीज को परमिशन न होने के बावजूद शहर के रेजिडेंशियल एरिया में नियमों को ताक पर रखकर कमर्शियल कंस्ट्रक्शन किया जा रहा है। कंट्रक्शन करने वाले लोगों को नोटिस तो जारी किए जाते हैं, परंतु अफसरों की सेटिंग होने के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है। नोटिस सिर्फ निर्माण करने वाले लोगों में भय पैदा करने के लिए ही दिए जाते हैं, क्योंकि इन पर कार्रवाई महज खानापूर्ति के लिए होती है। शहर के रेजिडेंशियल एरिया मॉडल टाउन व सेक्टरों में काफी कमर्शियल एक्टिविटीज चल रही है। इसके अलावा सरकुलर रोड व राजेश पॉयलट चौक सहित कई जगह नक्शों और नियमों को ताक पर रखकर निर्माण किए जा रहे है। बिल्डिंगों के निर्माण में कोड 2017 की अवहेलना की जा रही है।
बिल्डिंगों में शुरू हो चुकी कमर्शियल एक्टिविटीज
शहर में इस समय तीन दर्जन से अधिक स्थानों पर रेजिडेंशियल एरिया में कमर्शियल कंस्ट्रक्शन हो रहे हैं। कई बिल्डिंग बनकर तैयार होने के बाद उनमें कमर्शियल एक्टिविटीज शुरू भी हो चुकी हैं। इन बिल्डिंगों के निर्माण में नियमों को पूरी तरह ताक पर रखा गया है। अधिकांश बिल्डिंगों में 100 फीसदी एरिया में बेसमेंट बनाए गए हैं। नियमानुसार एरिया के हिसाब से 60 से 70 फीसदी हिस्से पर ही बेसमेंट की अनुमति दी जा सकती है। इनमें अस्पताल से लेकर होटल, रेस्टोरेंट और शोरूम तक शामिल हैं। सर्वाधिक निर्माण बावल रोड, मॉडल टाउन, पायलट चौक और दिल्ली रोड पर हो रहे हैं। नगर परिषद की ओर से रेजिडेंशियल एरिया में कमर्शियल निर्माण करने के लिए नक्शा स्वीकृत नहीं किया जा सकता, परंतु इसके बावजूद निर्माण लगातार हो रहे हैं।
सेटिंग होने के बाद बिल्डिंगों को क्लीन चिट
सूत्रों के अनुसार नियमों को ताक पर रखकर बनाई जा रही बिल्डिंगों की पूरी जानकारी अधिकारियों को होती है। बिल्डिंग मालिकों को पहले नोटिस देकर सीलिंग का डर दिखाया जाता है। इसके बाद सेटिंग होने पर मोटे पैसे की वसूली की जाती है। गत दिनों दो दर्जन से अधिक बिल्डिंगों को नोटिस दिए गए थे, परंतु उन नोटिसों के बाद किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई। दिसंबर 2023 में शहर में अवैध रूप से दुकानों व भवनों के किए गए निर्माण पर कार्रवाई करते हुए सीएम फ्लाइंग की ओर से बिना नक्शा पास कराए बनाई गई करीब नौ दुकानों को सील किया था, लेकिन वर्तमान में इन दुकानों की सील हट चुकी है। सूत्रों के अनुसार सभी दुकानों व बिल्डिंगों को क्लीन चिट मिल चुकी है।
भवनों में बिल्डिंग कोड की हो रही अवहेलना
शहर में कई बिल्डिंग मालिकों ने नियमों को पूरी तरह ताक पर रखकर 100 फीसदी एरिया में बेसमेंट बनाए हुए हैं, जिनकी अनुमति जुर्माना वसूलकर भी नहीं दी जा सकती है। बिल्डिंगों के आगे व पीछे एक इंच जमीन तक नहीं छोड़ी हुई है। काफी बिल्डिंग मालिकों ने फायर एनओसी तक नहीं ली हुई। इसके बावजूद ऐसे भवन मालिकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। पैसे के खेल में अधिकारियों ने बिल्डिंग कोड 2017 की अवहेलना करने की पूरी छूट दी हुई है।