Asembly elections। हरियाणा में एक अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनावों का घोषणापत्र तैयार करने के लिए शुक्रवार को रोहतक में भाजपा के प्रदेश मुख्यालय मंगल कमल में मेनिफेस्टो कमेटी (संकल्प पत्र) के संयोजक एवं  राष्ट्रीय सचिव ओमप्रकाश धनखड़ की अध्यक्षता में बैठक शुरू हुई। बैठक में शामिल भाजपा नेताओं ने विधानसभा के लिए तैयार होने वाले घोषणापत्र में शामिल किए जाने वाले जनमानस व प्रदेश के विकास को ध्यान में रखते हुए विषयों पर चर्चा की। विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद संकल्प पत्र कमेटी की यह पहली बैठक है।

जनता से मांगें जा रहे सुझाव 

विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद भाजपा ने प्रदेश में संकल्प वैन रवाना की थी। जिसमें लोगों से सुझाव लेने के लिए सुझाव पेटियां रखी गई है। प्रदेश के सभी विधानसभाओं में घूमने के बाद वैन प्रदेश मुख्यालय पहुंचेगी। जिनसे प्राप्त होने वाले प्रमुख सुझावों को भाजपा अपने संकल्प पत्र में शामिल करेगी। रोहतक में हाल में ही हुए युवा कार्यकर्ताओं की ज्वाइनिंग के दौरान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अपने संबोधन में इसके संकेत दिए थे। बैठक में शामिल होने के लिए धनखड़ के अलावा विधानसभा उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा, सिंचाई मंत्री डॉ अभय सिंह यादव, पूर्व मंत्री कृष्ण लाल पंवार, विधायक भव्य बिश्नोई, डॉ संजय शर्मा और डॉ मदन लाल गोयल भी रोहतक पहुंचे।

अभी उम्मीदवारों की घोषणा नहीं

पिछले 10 साल से केंद्र के साथ प्रदेश में शासन कर रही भाजपा तीसरी बार प्रदेश की सभी 90 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। 2014 से पहले भाजपा प्रदेश में किसी न किसी पार्टी से गठजोड़ कर चुनाव लड़ती रही है। एक अक्टूबर को होने वाले मतदान में अब केवल एक माह माह का समय बचा है तथा पांच 12 सितंबर तक नामांकन किए जा सकेंगे। अभी तक भाजपा व कांग्रेस ने किसी भी सीट पर अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। माना जा रहा है कि उम्मीदवारों की घोषणा के बाद दोनों पार्टियों में बड़ी बगावत हो सकती है। जिससे बचने के लिए कैडिटेंड घोषित करने में दोनों प्रमुख पार्टियों संकोच कर रही है।

पहले प्रमुख चेहरों की होगी घोषणा

विधानसभा चुनाव में भाजपा व कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है। इनेलो बसपा व जजपा आजाद पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है। पंजाब फतेह के बाद आप भी सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। किसान संगठन व कम्युनिस्ट पार्टियों भी उम्मीदवार उतार रही हैं। इनेलो व जजपा अपनी खोई ताकत पुन तो आप प्रदेश में अपना आधार बढ़ाने के लिए टिकट विरतण के बाद भाजपा व कांग्रेस से बगावत करने वाले नेताओं पर अपनी नजरें लगाए हुए हैं, ताकि जनता में पैठ रखने वाले नेताओं को मैदान में उतारकर विधानसभा में अपनी ताकत बढ़ा सकें।