रोहतक: सिविल अस्पताल में नवजात बच्चे को पीजीआई रेफर करने को लेकर परिजनों ने जमकर हंगामा किया। हालात इतने खराब हो गए कि डॉक्टरों को पुलिस बुलानी पड़ी। अस्पताल में काफी देर तक हंगामा चलता रहा। बच्चे के परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों ने उनके बच्चे की ठीक से देखभाल नहीं की और बिना बताए बच्चे को पीजीआई (PGI) के लिए रेफर कर दिया। वहीं, चिकित्सकों ने कहा कि बच्चे की हालत में सुधार नहीं हो रहा, जिसके कारण उसे बड़े अस्पताल में रेफर किया जा रहा है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले को शांत करवाया।
अस्पताल में बच्चे की नहीं कर रहे संभाल
नवजात बच्चे के चाचा जींद के गांव पोली निवासी राहुल ने बताया कि स्टाफ से पूछा कि अल्ट्रासाउंड व एक्स-रे के बारे में पूछा तो स्टाफ ने कहा कि उन्हें ध्यान नहीं रहा। गत दिवस रात 12 बजे उनका बच्चा तड़प रहा था, लेकिन अस्पताल स्टाफ की तरफ से ना कोई हिटर की व्यवस्था थी और न स्टाफ मौजूद था। जब इस बारे विरोध जताया तो डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि 20 लोग लेकर आईसीयू (ICU) के अंदर जाते हैं। बिना कोई सूचना दिए डॉक्टरों ने एंबुलेंस बुला ली और बच्चे को जबरन पीजीआई रेफर कर दिया। उनके ऊपर जबरन हस्ताक्षर करने का दबाव बना रहे है। तीन दिन से बच्चा तड़प रहा है, लेकिन संभाल न करने के कारण बच्चे की हालत नाजुक हो गई है।
4 दिन से नहीं मिलने दे रहे डॉक्टर
प्रदीप ने बताया कि पिछले चार दिन से परिजनों को बच्चे से मिलने नहीं दिया जा रहा। उसके नवजात बच्चे का चिकित्सक ने कोई ईलाज नहीं किया। डॉक्टरों ने पहले बताया कि बच्चे को ठंड लगी है और अब इंफेक्शन (Infection) बता रहे हैं। डॉक्टर जबरदस्ती बच्चे को लेकर जाने का दबाव बना रहे है और खुद पीछे एंबुलेंस भी मंगवा ली है। ऐसी लापरवाही किसी भी बच्चे की जान ले सकती है। रात को स्टाफ सो रहा है और बच्चे तिलमिला रहे हैं, बच्चों की देखभाल नहीं हो रही। स्वास्थ्य विभाग को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
बच्चे की हालत सुधार नहीं होने पर किया रेफर
सिविल अस्पताल के चिकित्सक ने बताया कि उन्हें बच्चे को रेफर करने पर भीड़ एकत्रित होने की सूचना मिली थी। इस सूचना पर वे अस्पताल पहुंचे तो देखा कि चिकित्सकों ने बेस्ट ईलाज किया था। लेकिन कुछ बच्चों में उतना सुधार नहीं होता, जितनी उम्मीद होती है। ऐसे में बड़े अस्पताल की मदद लेनी पड़ती है। वह भी हम अपने तरिके से बच्चे को सटेबल करके रेफर करते हैं। नवजात के लिए स्पेशल एंबुलेंस (Ambulance) है, जिसमें रेफर करते हैं। वहां भी फोलोअप लिया जाता है। फिलहाल 15 बच्चे भर्ती हैं, जिनका उपचार चल रहा है।